ढ़ाका: तीन नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं ने म्यामांर की नेता आंग सान सू की और देश की सेना पर हिंसा में उनकी कथित भूमिका को लेकर नरसंहार का आरोप लगाया है। इस हिंसा की वजह से हजारों रोहिंग्या मुसलमानों को म्यामांर छोड़कर बांग्लादेश जाना पड़ा। (हिन्द महासागर में चीन की रणनीतिक उपस्थिति बढाएगा BRI )
काफी विशाल क्षेत्र में फैले शरणार्थियों के शिविरों का दौरा करने के लिए बांग्लादेश की यात्रा पर आयीं इन तीनों हस्तियों ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी साथी नोबेल शांति पुरस्कार विजेता सू की अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं।
उनमें से एक यमन की तवाक्कोल करमान ने आंग सान सू की से कहा कि या तो वे ‘संभल’ जाएं अन्यथा ‘मुकदमे का सामना करने’ के लिए तैयार रहें । उनकी दो साथियों -- उत्तरी आयरलैंड के मैरीड मैगुईर और ईरान की शीरीन एबादी ने इस स्थिति के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघर में खड़ा करने के लिए काम करने का वादा किया। पिछले साल अगस्त से करीब 700,000 रोहिंग्या म्यामांर से भागकर बांग्लादेश चले गये हैं। सुरक्षा बलों की एक चौकी पर उग्रवादियों के हमले के बाद म्यामांर की सेना ने अगस्त में सैन्य कार्रवाई शुरु की थी।