लंदन: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने किसी ‘आजाद कश्मीर’ के विचार को खारिज करते हुए कहा कि इस मांग के लिए कोई समर्थन नहीं है और यह ‘यथार्थ’ पर आधारित नहीं है। अब्बासी रविवार को लंदन में स्थित लंदन स्कूल ऑफ इकनोमिक्स के दक्षिण एशिया केंद्र में आयोजित ‘पाकिस्तान का भविष्य 2017’ विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान, सैन्य-असैन्य संबंधों, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से अयोग्य करार देने, भारत के साथ संबंधों और कश्मीर मुद्दे जैसे विषयों पर कई सवालों का जवाब दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘स्वतंत्र कश्मीर’ पर एक सवाल के जवाब में अब्बासी ने कहा, ‘यह विचार अक्सर चलता है लेकिन इसमें कोई यथार्थ नहीं है। स्वतंत्र कश्मीर की मांग के लिए कोई समर्थन नहीं है।’ भारत के साथ रिश्ते के बारे में अब्बासी ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते तब तक नहीं सुधर सकते जब तक कश्मीर का मुद्दा हल नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, ‘केवल बातचीत से आगे बढ़ा जा सकता है। बिना बातचीत के कोई बहुत बड़ा परिवर्तन आना संभव नहीं है।’ एक अन्य सवाल के जवाब में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका ने शरीफ को प्रधानमंत्री पद से अयोग्य करार दे दिया लेकिन ‘हमने यह इतिहास पर छोड़ दिया है कि इतिहास इस फैसले को स्वीकार करेगा या नहीं।’
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के ज्यादातर लोग सुप्रीम कोर्ट द्वारा शरीफ को प्रधानमंत्री पद से अयोग्य ठहराए जाने के फैसले से सहमत नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स कांड में 28 जुलाई को शरीफ को प्रधानमंत्री पद से अयोग्य करार दिया था। अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर अब्बासी ने कहा कि इन्हें केवल अफगानिस्तान के पैमाने पर परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का सकारात्मक पक्ष सामने रखा और उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2013 के बाद से अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार आया है।