बीजिंग: चीन के रक्षा मंत्री ने सोमवार को मुख्य भूमि के साथ ताइवान के ‘फिर से एकीकरण’ की बात कही है। उन्होंने चीन और ताइवान के एकीकरण के लिए आह्वान करते हुए एक उच्चस्तरीय रक्षा मंच से कहा कि इस प्रक्रिया को दुनिया की ‘कोई ताकत’ रोक नहीं सकती। आपको बता दें कि अभी चीन की सरकार को हांगकांग में भी भारी विरोध-प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है। वहां लोकतंत्र समर्थकों ने प्रशासन की नाक में दम कर रखा है और उन्हें काबू में करने के लिए अक्सर ही आंसू गैस के गोलों और पानी की बौछारों की मदद लेनी पड़ रही है।
वहीं, ताइवान की बात करें तो वह अब चीन से अलग हो चुका है। हालांकि चीन आज भी उसे अपना खुद से अलग हो चुका एक प्रांत मानता है। चीन का मानना है कि ताइवान को मुख्य भूमि यानी देश के बाकी हिस्से में मिलाना है और अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए ताकत का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। दोनों पक्ष 1949 में एक गृह युद्ध के बाद अलग हो गए थे। रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगहे ने बीजिंग में जियांगशान फोरम में एशिया के रक्षा मंत्रियों और अधिकारियों से कहा कि चीन ‘मातृभूमि के पूर्ण पुन:एकीकरण को साकार करने की दिशा में’ अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
जनरल फेंगहे ने कहा, ‘चीन दुनिया का एकमात्र बड़ा देश है, जिसने अभी तक पूर्ण पुन:एकीकरण का लक्ष्य हासिल नहीं किया है।’ उन्होंने कहा कि ऐसा होने से कोई व्यक्ति और कोई ताकत रोक नहीं सकती। ताइवान में 2016 के चुनाव के बाद राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के आने से ताइवान और चीन के बीच संबंध खराब हो गए हैं, जिनकी पार्टी यह मानने से इनकार करती है कि ताइवान ‘एक चीन’ का हिस्सा है।