काठमांडू: नेपाल का निर्वाचन आयोग प्रतिनिधि सभा भंग करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिकाओं की वजह से बने अनिश्चितता के माहौल के बावजूद नवंबर में प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव की तैयारी कर रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को संसद के निचले सदन को दूसरी बार भंग किया था और 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री ओली 275 सदस्यीय निचले सदन में विश्वास मत खोने के बाद अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। राष्ट्रपति द्वारा निचले सदन को भंग करने की संवैधानिकता पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई कर रहा है, जिससे सवाल उठता है कि क्या चुनाव निर्धारित तारीख पर होंगे। काठमांडू पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक अनिश्चितता के बावजूद, नेपाल के निर्वाचन आयोग ने कहा कि वित्त मंत्रालय से चुनाव कराने के लिए 7.72 अरब नेपाली रुपये की मंजूरी मिलने के बाद अब वह अगले सप्ताह से चुनाव कराने के लिए आवश्यक सामान की खरीदारी शुरू करेगा।
मंत्रालय ने कहा कि उसने चुनाव सामग्री और चुनाव प्रबंधन के लिए आयोग के बजट को मंजूरी दे दी है, लेकिन इस बजट में चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर आने वाला खर्च शामिल नहीं है। निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता राजकुमार श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘हम मतपेटी को छोड़, चुनाव के लिए जरूरी सभी सामान की खरीद के लिए अगले सप्ताह निविदा जारी करने की योजना बना रहे हैं।’’
निर्वाचन निकाय के अधिकारियों ने बताया कि सदन को भंग करने के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है लेकिन आयोग यह नहीं कह सकता कि वह चुनाव नहीं कराएगा। निर्वाचन आयोग अलग-अलग जिलों में मतदाता सूचियों को भी अद्यतन कर रहा है। आयोग के सहायक प्रवक्ता कोमल धमाला ने बताया, ‘‘नवंबर में होने वाले चुनाव के लिए और मतदाताओं को जोड़ा जाएगा।’’
उनके मुताबिक आगामी चुनावी के लिए करीब 22 हजार मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। कोविड-19 की वजह से स्वास्थ्य संबंधी खतरे से निपटने के लिए भी आयोग दिशा निर्देश तैयार कर रहा है ताकि सुरक्षित तरीके से चुनाव प्रक्रिया संपन्न की जा सके।
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