![Nepals communist party seems headed for split; KP Oli, Prachanda talks fail to yield positive outcom](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भविष्य पर आज फैसला हो सकता है। नेपाल में सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की बैठक होने जा रही है जिसमें ओली विरोधी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ का बहुमत है। इस बीच बताया जा रहा है कि कई दौर की बातचीत के बाद भी ओली झुकने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच विवाद अब पार्टी के सेंट्रल कमिटी तक पहुंच सकता है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली पद से इस्तीफा देने या एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ने, दोनों से ही इनकार कर रहे हैं। पार्टी के अध्यक्ष ओली, प्रचंड और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने बृहस्पतिवार को बालूवाटार में प्रधानमंत्री आवास पर एक अनौपचारिक बैठक की। स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि हालांकि, तीनों नेता किसी समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहे।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ओली और असंतुष्ट समूह का नेतृत्व कर रह रहे प्रचंड अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे। हाल के हफ्तों में कम से कम आठ दौर की वार्ता होने के बाद भी सत्ता साझेदारी पर पहुंचने में ओली और प्रचंड नाकाम रहे।
आज होने वाली स्थायी समिति की बैठक में 68 वर्षीय प्रधानमंत्री के राजनीतिक भविष्य पर निर्णय होने की संभावना है। ओली ने आरोप लगाया है कि भारत की मदद से उन्हें पद से हटाने की कोशिश की जा रही है। प्रचंड सहित पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि भारत विरोधी उनकी हालिया टिप्पणी ना तो राजनीतिक रूप से सही है और ना ही कूटनीतिक रूप से उपयुक्त है।
वे ओली के कामकाज करने की निरंकुश शैली के भी खिलाफ हैं। प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने भी कहा कि बातचीत बेनतीजा रही, जबकि नेताओं ने करीब दो घंटे बैठक की। नेपाली मीडिया के मुताबिक एनसीपी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति में प्रचंड के गुट को 30 से अधिक सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।