Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. 'घर' नहीं संभाल रहा तो ध्यान भटकाने में लगे नेपाली पीएम ओली, भारत को लेकर फिर दिया बयान

'घर' नहीं संभाल रहा तो ध्यान भटकाने में लगे नेपाली पीएम ओली, भारत को लेकर फिर दिया बयान

चीन की तरफ अपने झुकाव के लिए जाने वाले केपी शर्मा ओली ने कहा कि हम संप्रभु समानता के आधार पर भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। वास्तव में, हम सही अर्थों में भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं और हमें भारत के साथ वास्तविक चिंताओं के मुद्दों को उठाने में संकोच नहीं करना चाहिए।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 11, 2021 11:46 IST
Nepali PM Oli says will take Kalapani, Limpiyadhura...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Nepali PM Oli says will take Kalapani, Limpiyadhura Lipulekh from India /  'घर' नहीं संभाल रहा तो ध्यान भटकाने में लगे नेपाली पीएम ओली, भारत को लेकर फिर दिया बयान

काठमांडू. भारत लगातार नेपाल के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है लेकिन नेपाल की वर्तमान पीएम केपी शर्मा ओली लगातार अपनी गलत बयानबाजी के जरिए दोनों देशों के बीच खटास को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। रविवार को नेपाल के वर्तमान पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि वो भारत से कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख के इलाके वापस ले लेंगे। केपी शर्मा का ये बयान नेपाल के विदेश मंत्री 14 जनवरी को होने वाले भारत दौरे से पहले आय़ा है। रविवार को नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए ओली ने बात कही।

पढ़ें- भारत ने फिर की छोटे भाई नेपाल की मदद, सौंपा 306 मिलियन रुपयों का चेक

ओली ने कहा कि महाकाली नदी के पूर्व में स्थित कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख सुगौली संधि के अनुसार नेपाल का हिस्सा हैं। हम भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से उन्हें वापस लेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे विदेश मंत्री 14 जनवरी को भारत का दौरा करेंगे, जिसके दौरान उनकी चर्चा उस मानचित्र के मुद्दे पर केंद्रित होगी जिसे हमने तीन क्षेत्रों को मिलाने के बाद प्रकाशित किया है।

पढ़ें- नेपाल: ओली की पैतरेबाजी! भंग करवाई संसद, देखते रहे गए 'प्रचंड', अप्रैल-मई में होंगे चुनाव

आपको बता दें कि नेपाल ने पिछले साल अपना नया मैप रिलीज किया था, जिसके बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। भारत ने इसे नेपाल द्वारा किया गया "एकपक्षीय कृत्य" करार दिया था औऱ नेपाली नेतृत्व को आगाह किया था कि क्षेत्रीय दावों की ऐसी "कृत्रिम वृद्धि" स्वीकार्य नहीं होगी। भारत ने कहा कि नेपाल की कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच वार्ता के माध्यम से सीमा मुद्दों को हल करने के लिए एक समझ का उल्लंघन किया।

पढ़ें- भारत से विवाद के बीच नेपाल पहुंचे चीन के रक्षा मंत्री, क्या है प्लान?

सीमा विवाद के कारण रुकने वाले द्विपक्षीय आदान-प्रदान को साल 2020 के अंत में उच्च-स्तरीय यात्राओं की एक श्रृंखला के साथ शुरू किया गया था, क्योंकि नई दिल्ली ने इस बात पर जोर दिया था कि वह खुद को हिमालयी राष्ट्र के "अग्रणी मित्र" और विकास के भागीदार के रूप में देखता है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की नवंबर में नेपाल यात्रा का मकसद काफी हद तक द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करना था। श्रृंगला ने प्रधानमंत्री ओली और अन्य शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व से मुलाकात की और इस बात पर जोर दिया कि भारत और नेपाल एक ही पृष्ठ पर हैं और एक ही दृष्टि साझा करते हैं।

पढ़ें- मुंह में राम बगल में छुरी, चीन के सुरक्षाकर्मियों ने बॉर्डर पर नेपाली टीम के साथ किया 'गंदा काम'

श्रृंगला की यात्रा से पहले भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना और बाद में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आरएंडडब्ल्यू) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल द्वारा काठमांडू में संबंधों को सुधारने की कवायद की गई। भाजपा के वरिष्ठ नेता और विदेशी मामलों के विभाग के प्रमुख विजय चौथवाले ने भी दिसंबर की शुरुआत में नेपाल का दौरा किया था। रविवार को नेपाली सांसदों को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि उनकी सरकार ने भारत और चीन दोनों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए हैं।

पढ़ें- क्या नेपाल को दूसरा पाकिस्तान बनाना चाहता है चीन?

चीन की तरफ अपने झुकाव के लिए जाने वाले केपी शर्मा ओली ने कहा कि हम संप्रभु समानता के आधार पर भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। वास्तव में, हम सही अर्थों में भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं और हमें भारत के साथ वास्तविक चिंताओं के मुद्दों को उठाने में संकोच नहीं करना चाहिए। चीन द्वारा हाल ही में नेपाल भेजे गए अपने नेताओं पर उन्होंने कहा कि वे यहां अपनी शुभकामनाएं देने आए थे। इसमें ज्यादा चिंता की कोई बात नहीं है।

पढ़ें- भारतीय सेना ने पेश की मिसाल, नेपाली सेना को दिए वेंटीलेटर

नेपाली संसद को भंग करने के अपने फैसले को सही बताते हुए ओली ने कहा, "मुझे प्रतिनिधि सभा को भंग करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि मेरी पार्टी के कुछ लोगों ने सरकार को अच्छा प्रदर्शन नहीं करने दिया।'' आपको बता दें कि दिसंबर में नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने नेपाली पीएम ओली की सिफारिश पर संसद भंग कर आने वाले अप्रैल-मई में चुनाव का ऐलान किया है। नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी के असंतुष्ट धड़े और विपक्षी दलों ने ओली के इस फैसले को असंवैधानिक, आवेगी और निरंकुश करार दिया है। संसद भंग करने से पहले ओली ने दावा किया था कि जब से उन्होंने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन इलाकों को नेपाल में दिखाने वाला नया नक्शा छापा है तबसे उनकी सरकार को गिराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement