काठमांडू. नेपाल की सत्ताधारी पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में पिछले लंबे समय से चले गतिरोध में आज आखिरी बाजी पीएम केपी शर्मा ओली ने मार ली। केपी शर्मा ओली द्वारा बुलाई गई इमरेंसी बैठक में राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से संसद की प्रतिनिधि सभा को भंग करने की सिफारिश करने का फैसला किया गया है। उनकी ये सिफारिश राष्ट्रपति को भेजे जाने के बाद अगले चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई। अब 30 अप्रैल को पहले चरण और 10 मई को दूसरे चरण के लिए मतदान होंगे | राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने अगले साल अप्रैल 30 से मई 10 के बीच राष्ट्रीय चुनाव करवाने का फैसला किया है।
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2017 में हुए थे चुनाव
नेपाल में साल 2017 में निर्वाचित प्रतिनिधि सभा या संसद के निचले सदन में 275 सदस्य हैं। 'काठमांडू पोस्ट' ने ऊर्जा मंत्री वर्षमान पून के हवाले से कहा, ''आज मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश करने का फैसला किया है।'' प्रधानमंत्री ओली मंत्रिमंडल के निर्णय के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंच गए। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है कि जब सत्तारूढ़ दल में आंतरिक कलह चरम पर पहुंच गई है। पार्टी के दो धड़ों के बीच महीनों से टकराव जारी है। एक धड़े का नेतृत्व प्रधानमंत्री तथा पार्टी के अध्यक्ष ओली तो वहीं दूसरे धड़े की अगुवाई पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तथा पूर्व प्रधानमंत्री ''प्रचंड'' कर रहे हैं।पढ़ें- मुंह में राम बगल में छुरी, चीन के सुरक्षाकर्मियों ने बॉर्डर पर नेपाली टीम के साथ किया 'गंदा काम'
माधव कुमार नेपाल ने ओली के खिलाफ खोला मोर्चा
सत्तारूढ़ एनसीपी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने आज के कदम को असंवैधानिक करार दिया है। प्रचंड और माधव का धड़ा एनसीपी के दो धड़ों में आरोप-प्रत्यारोप के बीच ओली से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग कर रहा है। ओली (68) ने जून में दावा किया था कि उन्हें सामरिक रूप से महत्वपूर्ण तीन भारतीय क्षेत्रों के देश के राजनीतिक मानचित्र में दिखाने के बाद से उन्हें सत्ता से हटाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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नेपाली कांग्रेस ने बुलाई आपात बैठक
इस बीच, संविधान विशेषज्ञों ने संसद भंग करने के कदम को असंवैधानिक करार दिया है। संविधान विशेषज्ञ दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि नेपाल के संविधान में बहुमत प्राप्त सरकार के प्रधानमंत्री द्वारा संसद को भंग किये जाने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है। जब तक संसद द्वारा सरकार गठन की संभावना है, तब तक सदन को भंग करने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है। इस बीच, मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने रविवार को पार्टी की आपात बैठक बुलाई है। इससे एक दिन पहले एनसी और राष्ट्रीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति से संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया था।