काठमांडू: नेपाल के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री केपी ओली ने देश की संसद के निचले सदन में रविवार को दो-तिहाई बहुमत से ऐतिहासिक विश्वास मत जीत लिया। अधिकारियों ने बताया कि 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नियुक्त हुए ओली को प्रतिनिधि सभा (संसद के निचले सदन) में मौजूद कुल 268 सांसदों में से 208 के वोट मिले। ओली (66) को मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस और कुछ छोटी पार्टियों को छोड़कर बाकी सभी राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिला। इस तरह ओली के देश का प्रधानमंत्री बने रहने पर अंतिम मुहर लग गई।
अधिकारियों ने बताया कि ओली को CPN-UML से 121, CPN (माओवादी सेंटर) से 52, राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल से 16, फेडरल सोशलिस्ट फोरम नेपाल से 16 और राष्ट्रीय जनमोर्चा, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, नेपाल वर्कर्स पीजेंट्स पार्टी से 1-1 वोट और 1 निर्दलीय सांसद के वोट मिले। ओली ने दो-तिहाई बहुमत हासिल करके अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। संसद के स्पीकर कृष्ण बहादुर महारा ने संसद के अगले सत्र की घोषणा की शुक्रवार को की। इससे पहले, ओली ने सभी राजनीतिक पार्टियों से सरकार का समर्थन करने की अपील की थी।
ओली की अपील पर नेपाली कांग्रेस ने कहा था कि वह ओली का समर्थन नहीं करेगी और एक प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाएगी। नए संविधान के मुताबिक, प्रधानमंत्री को अपनी नियुक्ति के 6 महीने के भीतर संसद में विश्वास मत जीतना अनिवार्य है। प्रतिनिधि सभा में कुल 275 सदस्य हैं जिनमें 165 सदस्यों को प्रत्यक्ष निर्वाचन से चुना जाता है जबकि 110 को समानुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर चुना जाता है। नेपाल ने सितंबर 2015 में स्वीकार किए गए नए संविधान को लागू कराने की कवायद के तहत प्रांतीय, स्थानीय एवं संसदीय चुनावों के 3 चरण कराए हैं।