काठमांडू: नेपाल ने भीषण भूस्खलन के बाद देश के पश्चिमी हिस्से में काली गंडकी नदी का मार्ग अवरूद्ध होने और एक कृत्रिम झील बन जाने के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश के राज्यों में बाढ़ की आशंका को लेकर सतर्क कर दिया है।
भारत की सीमा के साथ लगते नेपाल के नवालपरासी जिले के मुख्य जिला अधिकारी हरि प्रसाद मैनाली ने बताया कि भारत में प्रशासन को कृत्रिम झील बनने की सूचना दी गयी है, जिसके तटबंध टूट सकते हैं और इससे नेपाल के साथ ही बिहार और उत्तर प्रदेश में बाढ़ आ जाएगी।
मैनाली ने कहा, 'ऐसी आशंका है कि भूस्खलन के कारण नदी में बनी कृत्रिम झील के तटबंध किसी भी समय टूट सकते हैं। हमने भारतीय पक्ष से चौकस रहने को कहा है।' भूकंप से तबाह नेपाल में इस कृत्रिम झील को भूकंप का ही दुष्प्रभाव माना जा रहा है। सुरक्षाकर्मियों को नदी तटों पर तैनात किया गया है और लोगों से चौकस रहने की अपील की जा रही है क्योंकि कृत्रिम झील के तटबंध किसी भी समय टूट सकते हैं।
भूस्खलन में दर्जनों घरों के दब जाने के बाद नेपाल के मयागदी जिले और आसपास के इलाकों के हजारों लोग पहले ही सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। हालांकि भूस्खलन के कारण देश में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। नेपाल में रात में हुए भूस्खलन के बाद राजधानी काठमांडो से करीब 140 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में मयागदी जिले में काली गंडकी नदी में एक नयी और गहरी कृत्रिम झील बन गयी है।
रिपोर्टों में बताया गया है कि नदी का 95 फीसदी प्रवाह भूस्खलन के कारण अवरूद्ध हो गया है जिससे यह करीब चार किलोमीटर लंबी कृत्रिम झील बन गयी। इसमें करीब 1. 5 मिलियन क्यूबिक लीटर पानी है। काली गंडकी नदी नेपाल और उत्तर भारत में बहती है।