काठमांडू: नेपाल में बांग्लादेश की विमानन सेवा US-बांग्ला के विमान हादसे में मरने वालों की संख्या 51 हो गई है। मंगलवार को अस्पताल में 2 और लोगों की मौत हो गई। इस बीच, नेपाल सरकार ने विमान हादसे की जांच के लिए एक समिति गठित की है। नेपाल गृह मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि सोमवार को हुए हादसे में 22 नेपाली, 28 बांग्लादेशी और एक चीनी नागरिक ने अपनी जान गंवाई है। 1992 में पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइंस (PIA) के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से हिमालयन राष्ट्र में यह अब तक की सबसे दुखद घटना है। PIA विमान हादसे में 167 लोगों की जान गई थी।
घायलों का इलाज नेपाल के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। सोमवार को काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में 71 यात्री थे, जिसमें चालक दल के 4 सदस्य भी शामिल हैं। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने विमान के मलबे से फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर प्राप्त कर लिया है। विमान में आग उस वक्त लगी जब वह रनवे के पास खड़े थाई एयरवेज के विमान की पिछले हिस्सों को छूते-छूते रह गया। कहा जा रहा कि विमान उतरने से पहले हवाईअड्डे का दो बार चक्कर काट चुका था। शुरुआती जांच में पता चला है कि कॉकपिट और कंट्रोल टावर के बीच संवाद संबंधी गड़बड़ी की वजह से हादसा हुआ।
विमानन कंपनी और हवाई अड्डा अधिकारी एक-दूसरे को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। एयरलाइन का कहना है कि गलती एयर ट्रैफिक कंट्रोल की थी जबकि हवाई अड्डा अधिकारियों का कहना है कि पायलट के 'मिस्ड एप्रोच' के कारण हादसा हुआ। बांग्लादेश की एक उच्चस्तरीय टीम नेपाल पहुंची है। नागरिक उड्डयन एवं पर्यटन मंत्री ए.के.एम शाहजहां कमल और विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली नेपाल पहुंचे हैं। बांग्लादेशी यात्रियों के रिश्तेदार भी काठमांडू पहुंचे हैं। नेपाल के पर्यावरण मंत्री लाल बाबू पंडित ने बताया कि पूर्व सचिव यज्ञ प्रसाद गौतम की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन हादसे की जांच के लिए किया गया है। इस घटना पर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सचिवालय ने नेपाल और बांग्लादेश के लोगों के प्रति संवेदना जताई है।