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चीन के शह पर नेपाल का दुस्साहस, लिपुलेख-कालापानी में नेपालियों की घुसपैठ को बताया स्वाभाविक

पहले तो नेपाल ने कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख सहित 395 वर्ग किलोमीटर के भारतीय इलाके को जबरन अपने नक्‍शे में शामिल किया और अब वह इन इलाकों में नेपाली नागरिकों के घुसपैठ को सही बता रहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 30, 2020 11:23 IST
Nepal justify infiltration of Nepalis in Lipulekh-Kalapani- India TV Hindi
Image Source : FILE Nepal justify infiltration of Nepalis in Lipulekh-Kalapani

काठमांडू: शातिर चीन के शह पर नेपाल लगातार भारत से लगते सीमा पर तनाव बढाने का प्रयास कर रहा है। पहले तो नेपाल ने कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख सहित 395 वर्ग किलोमीटर के भारतीय इलाके को जबरन अपने नक्‍शे में शामिल किया और अब वह इन इलाकों में नेपाली नागरिकों के घुसपैठ को सही बता रहा है। दरअसल, भारत ने नेपाल से कहा था कि वह भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और गुंजी में अपने नागरिकों की अवैध आवाजाही को रोके।

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स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस महीने की शुरूआत में नेपाली प्रशासन को लिखे एक पत्र में भारतीय अधिकारी ने कहा कि नेपाली लोग समूह में अवैध तरीके से इन क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहते हैं, जिससे दोनों देशों के लिए परेशानी पैदा होगी। 

हिमालयन टाइम्स ने खबर दी है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में धारचुला के उप जिला आयुक्त अनिल शुक्ला ने 14 जुलाई को लिखे पत्र में नेपाली प्रशासन से ऐसी गतिविधियों की सूचना भारतीय अधिकारियों से साझा करने का भी आग्रह किया। 

नेपाल के दारचुला के मुख्य जिला अधिकारी शरद कुमार पोखरेल के हवाले से अखबार ने कहा, "हमें, नेपालियों को (भारतीय) क्षेत्रों में जाने से रोकने के भारत के फैसले के बारे में एक पत्र मिला है और कॉल आया है।"

अखबार ने कहा कि अपने जवाब में नेपाली अधिकारियों ने कहा कि कालापानी, लिम्पियाधुरा और गुंजी में उसके नागरिकों की आवाजाही "स्वाभाविक" है, क्योंकि ये क्षेत्र देश (नेपाल) से संबंधित हैं।

नेपाल के पूर्व उप-प्रधानमंत्री कमल थापा ने इस पत्र को ट्विटर पर शेयर किया और भारत को दिए जवाब की सराहना की। कमल थापा ने ट्वीट में लिखा, "शाबाश! तमाम नेपाली नागरिक भी इस जवाब को लेकर खुशी जता रहे हैं।"

बता दें कि भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ा है। भारत ने 8 मई को लिपुलेख से गुजरने वाले कैलाश मानसरोवर रोडलिंक का उद्घाटन किया तो नेपाल ने ऐतराज जताया था। भारत ने कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद सीमा विवाद पर वार्ता करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन नेपाल ने इसके बाद कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल करते हुए नया नक्शा जारी कर दिया था।

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