काठमांडू: नेपाल सरकार ने शुक्रवार को भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को वापस बुलाने का फैसला किया। उपाध्याय को पिछले साल अप्रैल में नेपाली कांग्रेस के कोटे से नियुक्त किया गया था। उपाध्याय ने नेपाली राष्ट्रपति की भारत यात्रा के रद्द होने पर नाखुशी का इज़हार किया था।
नेपाली प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुआ फैसला
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उपाध्याय को वापस बुलाने का फैसला किया गया। राष्ट्रपति का भारत दौरा रद्द करने के संबंध में उपाध्याय की सुबह ओली से बात हुई थी। बताया जाता है कि दौरा रद्द किए जाने के संबंध में उपाध्याय को जानकारी नहीं दी गई थी।
नेपाली राष्ट्रपति के भारत दौरे के रद्द होने से खुश नहीं थे उपाध्याय
बताया जाता है कि उपाध्याय ने भंडारी का दौरा रद्द किए जाने के मुद्दे पर अपनी नाखुशी जाहिर की थी। उपाध्याय ने प्रधानमंत्री से कहा, "दौरा रद्द किया जाना ऐसे समय में उचित नहीं था जब भारत-नेपाल संबंध पटरी पर लौट रहा था। दौरा रद्द किए जाने से पहले न तो मुझसे सलाह ली गई और न ही सूचित किया गया।"
उपाध्याय की नाखुशी पर ओली ने कहा, पद छोड़ सकते हैं आप
इस पर ओली ने कहा, "अगर आप दौरा रद्द करने के मुद्दे पर इस तरह का रुख रखते हैं तो आप पद छोड़ सकते हैं।" नेपाल सरकार ने उपाध्याय पर ओली के नेृत्व वाली सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उपाध्याय नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, जो कि फिलहाल विपक्षी पार्टी है।