Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने कहा, बेकार है अमेरिका से बात करना

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने कहा, बेकार है अमेरिका से बात करना

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने शुक्रवार को एक बेहद ही महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि अमेरिका से बातचीत ‘बेकार’ है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : July 21, 2018 20:12 IST
Negotiations with US useless, says Ayatollah Ali Khamenei of Iran | AP File
Negotiations with US useless, says Ayatollah Ali Khamenei of Iran | AP File

तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने शुक्रवार को एक बेहद ही महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि अमेरिका से बातचीत ‘बेकार’ है। उन्होंने कहा कि अमेरिका समझौतों का मान नहीं रखता, इसलिए उससे बातजीत का कोई मतलब नहीं है। तेहरान में ईरानी राजनयिकों की एक सभा को संबोधित करते हुए खामनेई ने कहा, ‘जैसा कि मैंने पहले कहा है, हम अमेरिका के शब्दों और यहां तक कि उनके दस्तखत पर भी यकीन नहीं कर सकते। लिहाजा, उनसे बातचीत बेकार है। यह मानना बहुत गलत है कि अमेरिका के साथ बातचीत या रिश्तों से समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं।’

ईरान और दुनिया के ताकतवर देशों के बीच 2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु करार से खुद को अलग कर चुका अमेरिका ईरान को अलग-थलग करने पर तुला है और फिर से प्रतिबंधों को पूरी तरह थोपकर उस पर आर्थिक दबाव डालने की तैयारी में है। इन प्रतिबंधों की शुरुआत अगस्त में होगी। यूरोप अमेरिका के इस कदम का विरोध कर रहा है और ईरान से अपने व्यापारिक संबंध बनाए रखने के तौर-तरीके तलाशने का इरादा जाहिर कर रहा है। परमाणु करार के तहत ईरान ने प्रतिबंध हटाने के एवज में अपने परमाणु कार्यक्रम में कटौती की थी। खामनेई ने कहा, ‘यूरोपीय देशों के साथ बातचीत निश्चित तौर पर चलनी चाहिए, लेकिन हमें अनिश्चितकाल तक उनकी पेशकश का इंतजार नहीं करना चाहिए।’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह एक नए करार के लिए तैयार हैं जिसके दायरे में न सिर्फ ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान, बल्कि इसका मिसाइल कार्यक्रम और क्षेत्रीय दखल भी आएगा जिन्हें अमेरिका अपने सहयोगी इस्राइल के लिए खतरे के रूप में देखा जाता है। खामनेई ने कहा, ‘अमेरिका ईरान की क्रांति (1979) से पहले के हालात और अपने दर्जे की वापसी चाहता है। वे परमाणु क्षमता, इसके संवर्धन की ईरान की ताकत और क्षेत्र में इसकी मौजूदगी के खिलाफ हैं।’ आपको बता दें कि देश में हुई क्रांति के समय तक ईरान अमेरिका का करीबी सहयोगी था।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement