इस्लामाबाद: पाकिस्तान में बुधवार को नई सरकार के गठन के लिए हुए मतदान के बीच हिंसा व आत्मघाती हमले में करीब 37 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। कुछ मतदाता केंद्रों पर मतदान खत्म होने के तुरंत बाद मतों की गिनती शुरू हो गई। अधिकांश लोग बलूचिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में मारे गए हैं। जियो न्यूज के मुताबिक, इस हमले में मतदान केंद्र के पास उप महानिरीक्षक अब्दुल रज्जाक चीमा के काफिले को निशाना बनाया गया। हालांकि, हमले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुरक्षित बच गए, लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों सहित 31 लोग मारे गए। सिविल अस्पताल क्वेटा के अधिकारियों ने हताहतों की पुष्टि की है। (Pakistan General Election 2018: अब तक के रुझानों में इमरान खान की पार्टी पीटीआई को बढ़त )
लोग तमीर-ए-नौ मॉडल स्कूल में वोट डालने जा रहे थे, इलाके में काफी भीड़ थी। विस्फोट के बाद मतदान केंद्र पर मतदान प्रक्रिया कुछ देर के लिए बाधित हो गई और बाद में यहां फिर से मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि, मतदान केंद्र आधिकारिक तौर पर सुबह आठ बजे खुले, लेकिन उत्साही मतदाताओं को सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर कतार में खड़े देखा गया। इस बीच पीएमएल-एन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर समय में एक घंटे की बढ़ोतरी करने की मांग की। निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक, चुनाव का अंतिम परिणाम गुरुवार सुबह या दोपहर तक आने की उम्मीद है।
एक्सप्रेस न्यूज के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के नवान काली में एक मतदान केंद्र के बाहर अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। एक अन्य व्यक्ति की दिघरी क्षेत्र में मिरपुरखास मतदाता केंद्र के बाहर गोलीबारी में मौत हो गई। एक और अलग घटना में, लरकाना के राजनीतिक शिविर के बाहर धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए। मतदाताओं को खबर पख्तूनख्वाह में मतदान केंद्र ले जा रही एक मिनी जीप गहरी खाई में गिर गई। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई। निर्दलीय उम्मीदवार जिब्रान नसीर ने कहा कि तहरीक-ए-लब्बाकि पाकिस्तान समर्थकों ने कराची के चांडियो गांव के एक सुविधा केंद्र पर हमला किया।
आम चुनाव में राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली की कुल 849 सीटों के लिए 12,570 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। करीब 10.6 करोड़ लोग मतदान करने के योग्य हैं। मुख्य मुकाबला शाहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), बिलावल भुट्टो जरादारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच है। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने 25 जुलाई को देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, ताकि बड़ी संख्या में लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। एक चुनाव अधिकारी के मुताबिक, 5,878 मतदान केंद्रों को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया। पंजाब और इस्लामाबाद में 5,487, खैबर पख्तूनवा और संघ शासित कबायली इलाके (फाटा) में 3,874 और बलूचिस्तान में 1,768 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं। यह चुनाव पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए काफी महत्वपूर्ण है। भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था और मौजूदा समय में वह और उनकी बेटी मरयम भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा काट रहे हैं। पाकिस्तान के इतिहास में यह दूसरा चुनाव है, जिसमें एक सरकार ने अपने कार्यकाल को पूरा किया है। पाकिस्तान के 1947 में अस्तित्व में आने के बाद लंबे समय तक यहां सैन्य शासन रहा है।