इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि धीरे-धीरे यह स्पष्ट हो रहा है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले ‘निराधार’ हैं। यह बात उन्होंने तब कही जब वह पनामा पेपर घोटाले से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के समक्ष 19वीं बार पेश हुए। गत बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पार्टी प्रमुख के रूप में अयोग्य घोषित किए गए 67 वर्षीय शरीफ यहां अपनी बेटी मरियम और दामाद सफदर के साथ जवाबदेही अदालत के समक्ष पेश हुए। मरियम और सफदर तीन मामलों में से एक में सह आरोपी हैं।
अदालत ने फॉरेंसिक विशेषज्ञ रॉबर्ट रैडले और लंदन स्थित क्विस्ट लॉ फर्म के राजा अख्तर सहित दो गवाहों के बयान वीडियो लिंक के जरिए दर्ज किए। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने उनके नाम पूरक साक्ष्य में उपलब्ध कराए थे जिसे अदालत ने बचाव पक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए स्वीकार कर लिया। रैडले के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग कल शुरू हुई और शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस के जिरह करने के बाद आज पूरी हो गई। अख्तर ने भी अपना बयान दर्ज कराया। शरीफ ने सुनवाई के बाद कहा कि मामले में कुछ भी नहीं है और रैडले के बयान से बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें मजबूत हुईं। उन्होंने कहा, ‘आपको (पत्रकारों को) यह पता होगा कि हमारा रुख मजबूत हुआ है या संयुक्त जांच टीम (JIT) का।’
JIT का नेतृत्व वाजिद जिया ने किया जिसकी लंबी जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले शुरू करने का आदेश दिया था। शरीफ ने कहा, ‘हम JIT के सवालों का जवाब दे रहे हैं जो धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं और लोग अब महसूस कर रहे हैं कि मामले निराधार हैं।’ उन्होंने अदालतों पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख के पद से हटाने के बाद ‘जल्द ही उनके जीवनभर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का फैसला आएगा।’ अपदस्थ प्रधानमंत्री की बेटी ने सोशल मीडिया पर कहा कि रैडले का बयान मामले में ‘निर्णायक बिन्दु’ वाला क्षण रहा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं इस दिन का इंतजार कर रही थी। मुझे पता था कि वह झूठ नहीं बोल सकता। मेरा अल्लाह पर विश्वास था।’