इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टिप्पणी ‘‘गंभीर नहीं’’ है। उन्होंने साथ ही कहा कि किसी देश के प्रमुख को दो देशों के बीच तेज होते वाकयुद्ध के बीच संबंधों के कूटनीतिक नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। शरीफ ने संवाददाताओं से यहां कहा, ‘‘किसी राष्ट्र प्रमुख को किसी सहयोगी देश को संबोधित करते हुए संबंधों के नियमों को ध्यान में रखना चाहिए।’’ (‘‘ईरान के अंदरूनी मामले में भद्दे ढ़ंग से’’ दखल दे रहा है अमेरिका )
गौरतलब है कि ट्रम्प ने पाकिस्तान पर अरबों डॉलर की मदद लेते हुए आतंकवादियों को पनाह देकर अमेरिका से झूठ बोलने और उसे धोखा देने का आरोप लगाया था। ट्रम्प ने हाल में पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उसने अमेरिकी नेताओं को ‘‘मूर्ख’’ समझकर पिछले 15 वर्षों में दी गई सहायता राशि के बदले में अमेरिका को ‘‘झूठ और धोखे’’ के सिवा कुछ नहीं दिया और आतंकवादियों को ‘‘पनाहगाह’’ मुहैया कराई।
ट्रम्प की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शरीफ ने कहा कि अमेरिका को गठबंधन भागीदार के तौर पर सेवाओं के बदले मदद मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान पर ताना कसने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि अमेरिका ने जो पैसे जारी किए थे वह ‘‘मदद’’ नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन भागीदार के लिए जारी किए जाने वाले धन को मदद नहीं कहना चाहिए। हमें इस तरह का धन चाहिए भी नहीं और बदले में हमसे सहयोग नहीं मांगा जाना चाहिए।’’ शरीफ ने साथ ही प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से एक योजना तैयार करने को कहा ताकि पाकिस्तान को कभी भी विदेशी मदद की जरूरत ना पड़े।