इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सवाल उठाया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने की अनुमति दी गई है। डॉन न्यूज के मुताबिक, यहां मीडिया से बातचीत में शरीफ ने कहा कि यह समझ से परे है कि मुशर्रफ को चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई है। शरीफ ने कहा, ‘चीफ जस्टिस कैसे राजद्रोह के किसी आरोपी को इस तरह की अनुमति दे सकते हैं। यह ऐसी चीज है, जो मेरी समझ से परे है।’
नवाज ने कहा, ‘मुशर्रफ को इस तरह की छूट दी गई है, जबकि अदालत में पेश होने से तीन दिन की छूट की मेरी याचिका अस्वीकार कर दी गई है।’ उन्होंने कहा कि वह अपनी बीमार पत्नी कुलसुम नवाज से मिलना चाहते थे, जिनका वर्तमान में लंदन में कैंसर का इलाज चल रहा है। अदालत के निर्देश में मुशर्रफ को इस शर्त पर नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी गई है कि वह लाहौर में 13 जून को एक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष निजी तौर पर पेश होंगे। डॉन न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने गुरुवार को पेशावर हाई कोर्ट के 2013 के उस फैसले के खिलाफ मुशर्रफ की याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें उन्हें आजीवन चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया गया था।
अप्रैल 2013 में अयोग्य करार दिए जाने के बाद नेशनल एसेंबली की कराची सीट के लिए मुशर्रफ का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था। इसे इस आधार पर खारिज किया गया था कि मुशर्रफ ने 3 नवंबर, 2007 को संविधान को निलंबित किया और सुप्रीम कोर्ट के कई जजों को हटा दिया और हिरासत में डाल दिया और सार्वजनिक तौर पर चीफ जस्टिस इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी का अपमान किया था। राजद्रोह के मुकदमे के अलावा, मुशर्रफ कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। पूर्व सैन्य तानाशाह मुशर्रफ इलाज के लिए 2016 में दुबई गए और तब से पाकिस्तान नहीं लौटे हैं।