इस्लामाबाद: बेइमानी के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य करार दिये जाने की टीस झोल रहे नवाज शरीफ ने सवाल उठाया है कि क्या पाकिस्तान में बाकी सब लोग सादिक और अमीन यानी ईमानदार और नेक हैं। पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को 67 वर्षीय शरीफ को बेइमानी के मामले में अयोग्य करार दिया था और व्यवस्था दी थी कि उनके और उनके बच्चों के खिलाफ पनामा पेपर कांड को लेकर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किये जा सकते हैं जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा। अदालत की व्यवस्था में कहा गया है कि 2013 के आम चुनावों में नामांकन दाखिल करते वक्त शरीफ ने अपने बेटे की दुबई की एक कंपनी से कमाई का खुलासा नहीं करके बेइमानी की। (शी ने कहा, चीनी सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस)
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऐजाज अफजल खान ने कहा कि शरीफ अब संसद के ईमानदार सदस्य नहीं रह गये हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं को कल संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा था, आपको इस बात पर गर्व होना चाहिए कि आपके नेता पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं है। उन्होंने पीएमएल-एन के संसदीय दल की बैठक में कहा, मुझो इस बात पर गर्व है कि मुझो भ्रष्टाचार के आरोपों में अयोग्य घोषित नहीं किया गया है। इस बैठक में नवाज शरीफ के भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ को उनका उाराधिकारी घोषित किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उन्होंने कभी रित या कमीशन नहीं लिया और कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, जब मैंने कभी वेतन ही नहीं लिया तो घोषित क्या करता। शरीफ ने कहा, आप जब कुछ लेते हैं तो समस्या है, आप कुछ नहीं लेते तो भी समस्या है। उन्होंने कहा, क्या मेरे परिवार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए क्या इस देश में बाकी सब सादिक (ईमानदार) और अमीन (नेक) हैं उन्होंने कहा, मेरी अंतरात्मा साफ है। अगर मैंने कुछ गलत किया है या इस देश से कुछ ऐसा लिया है जो मेरा नहीं है तो मैं खुद अपराधबोध से घिरा होता।