इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि उनके शासन काल में पाकिस्तान और भारत शांति और मेल-मिलाप के रास्ते पर थे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘शांति वार्ता के पैरोकार’ नहीं हैं। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि पूर्व राष्ट्रपति और ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (APML) के प्रमुख ने वॉयस ऑफ अमेरिका को दिए गए एक साक्षात्कार में दावा किया कि जब वह सत्ता में थे तो भारत और पाकिस्तान ‘मेल-मिलाप के रास्ते’ पर थे लेकिन अब मामला ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘उस समय मैंने दोनों तत्कालीन प्रधानमंत्रियों अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह से बात की थी, दोनों अलग-अलग राजनीतिक दल के थे लेकिन हम विवादों से आगे बढ़ना चाहते थे।’ देशद्रोह के मामले का सामना कर रहे 74 वर्षीय सेवानिवृत्त जनरल पिछले वर्ष से दुबई में रह रहे हैं जब उन्हें इलाज कराने के लिए पाकिस्तान से जाने की अनुमति दी गई थी। मुशर्रफ ने दावा किया कि उन्होंने शांति के लिए 4 बिंदुओं वाली पहल की थी और दोनों देशों का नेतृत्व उन्हें लागू करने पर विचार कर रहा था। उन्होंने दावा किया,‘हम अपनी रणनीति पर काम कर रहे थे क्योंकि दोनों पक्ष शांति चाहते थे। अब ऐसा नहीं हो रहा है। वे हमें पूर्व स्थिति में लाना चाहते हैं।’
मुशर्रफ ने मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा,‘वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत में प्रभुत्व की भावना थोपना चाहते हैं और वह शांति वार्ता के पैरोकार नहीं हैं।’ उन्होंने आरोप लगाए कि भारत के व्यवहार को लेकर ‘शुरू से पक्षपात’ रहा है क्योंकि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं लेकिन भारत पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘भारत से कोई भी उनके परमाणु हथियार पर नियंत्रण करने के लिए नहीं कहता है। पाकिस्तान इसलिए परमाणु देश बना क्योंकि भारत ने हमेशा उसके अस्तित्व को चुनौती दी। अमेरिका को उन्हें रोकना चाहिए था, हम हमेशा उनके प्रति वफादार रहे।’