लंदन: सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड द्वारा म्यांमार की नेता आंग सान सू की को दिया गया सम्मान उनके देश में रोहिंग्या मुसलमानों की दुर्दशा पर उनके द्वारा कथित समुचित कदम नहीं उठाने पर वापस ले लिया गया है। ऑक्सफोर्ड सिटी काउंसिल ने म्यांमार की इन नेता को लोकतंत्र के लिए लंबा संघर्ष करने को लेकर वर्ष 1997 में फ्रीडम ऑफ ऑक्सफोर्ड प्रदान किया था। कल परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि उनके पास यह सम्मान होना अब उपयुक्त नहीं है। (WHO की उपमहानिदेशक नियुक्त हुई ICMR प्रमुख सौम्या स्वामीनाथन)
ऑक्सफोर्ड सिटी काउंसिल के नेता बॉब प्राइस ने उनका सम्मान वापस लेने के कदम का स्वागत किया और इस बात की पुष्टि की कि यह स्थानीय प्रशासन के लिए अप्रत्याशित कदम है। सिटी काउंसिल इस बात के सत्यापन के लिए 27 नवंबर को एक विशेष बैठक करेगी कि यह सम्मान वापस लिया जाए। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता सू की का सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से गहरा नाता रहा है। वह अपने परिवार के साथ पार्क टाउन में रह चुकी हैं और वह 1964-67 के दैरान सेंट यू कॉलेज गयी थीं।
सिटी काउंसिल के इस कदम से पहले सेंट यू कॉलेज अपने प्रवेश द्वार से उनकी तस्वीर हटा चुका है। वैसे तस्वीर हटाने का कारण समायोजन बताया जा रहा है लेकिन ऐसी भी सोच है कि रोहिंग्या मुसलमानों का सफाया इसकी वजह हो सकती है। म्यांमार में सेना के अभियान के बाद करीब पांच लाख रोहिंग्या मुसलमान विस्थापित हो गये हैं।