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म्यांमार: रखाइन में खुल गए स्कूल, रोहिंग्या मुसलमानों का भागना जारी

म्यांमार ने रखाइन प्रांत के बच्चों के लिए उन कस्बों में स्कूल फिर से खोल दिए हैं जो हाल में सांप्रदायिक तनाव से बुरी तरह प्रभावित हुए थे...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 01, 2017 16:44 IST
Rohingya Refugees- India TV Hindi
Rohingya Refugees | AP Photo

यंगून: म्यांमार ने रखाइन प्रांत के बच्चों के लिए उन कस्बों में स्कूल फिर से खोल दिए हैं जो हाल में सांप्रदायिक तनाव से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। सरकारी मीडिया में घोषणा की गई कि स्थिरता लौट आई है लेकिन अब भी इन इलाकों से हजारों रोहिंग्या मुस्लिम भाग रहे हैं। रोहिंग्या विद्रोहियों ने सुरक्षा चौकियों पर हमला किया था जिसके बाद से सेना ने बड़े पैमाने पर कार्वाई की। तभी से रखाइन राज्य में अशांत हालात बने हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इसे जातीय सफाए के समान बताया था।

रखाइन की लगभग आधी आबादी करीब दस लाख रोहिंग्या मुस्लिम तब से बांग्लादेश भाग चुके हैं। जिससे विश्व का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट खड़ा हुआ है। हिंसा के कारण करीब 30,000 जातीय रखाइन लोग देश के भीतर विस्थापित हुए हैं जिनमें बौद्ध और हिंदू शामिल हैं। रविवार को ग्लोबल न्यू लाइट आफ म्यांमार की एक रिपोर्ट में शिक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि माओंगदा और बुथीदआंग कस्बों में स्कूल खुल गए हैं और हिंसा के केंद्र रहे इलाकों में स्थिरता लौट आई है। इसमें कहा गया, ‘जातीय गांवों में स्कूल सुरक्षित हैं।’

म्यांमार में हिंसा का हालिया दौर तब शुरू हुआ जब 25 अगस्त को रोहिंग्या उग्रवादियों ने राखिन में स्थित पुलिस चौकियों पर हमला कर दिया और 12 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया। उसके बाद म्यांमार से लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों ने भागकर बांग्लादेश में शरण ली। रोहिंग्याओं का आरोप है कि म्यांमार की सेना बेहद क्रूर अभियान चला रही है और गांव के गांव जला रही है। बौद्ध बहुल देश म्यांमार रोहिंग्या मुसलमानों को अपना नागरिक नहीं मानता है, और उन्हें अवैध प्रवासी कहकर संबोधित करता है।

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