ढाका: म्यांमार ने सोमवार को करीब पांच लाख उन रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने का प्रस्ताव दिया है जो हाल ही में हिंसा भड़कने के बाद भागकर बांग्लादेश में दाखिल हुए हैं। म्यांमार और बांग्लादेश ने शरणार्थियों की वापसी में समन्वय के लिए एक कार्य समूह का गठन पर सहमति जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के कार्यालय के मंत्री क्याव टिंट स्वे ने बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. एच. महमूद अली के साथ वार्ता के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने की पेशकश की है।
दोनों नेताओं ने एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के दौरान रोहिंग्या संकट का समाधान निकालने के लिए एक संयुक्त कार्यदल बनाने पर भी सहमति जताई। विदेश मंत्री अली ने वार्ता की जानकारी मीडिया को दी और म्यांमार के अपने नागरिकों को वापस लेने के प्रस्ताव के बारे में भी बताया। अली ने सरकारी अतिथि गृह, पदमा में बैठक के बाद कहा, ‘हमारे बीच शांतिपूर्ण तरीके से वार्ता हुई। म्यांमार ने बांग्लादेश के समक्ष रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने का प्रस्ताव रखा।’
अली के अनुसार, दोनों पक्षों ने शीघ्र ही एक संयुक्त कार्य समूह बनाने का फैसला किया है, जो रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी की प्रक्रिया की योजना तैयार करेगा। अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद पिछले महीने अपने भाषण में आंग सान सू की ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने कहा था कि इससे पहले म्यांमार सत्यापन की प्रक्रिया आयोजित करेगा। बांग्लादेश ने सोमवार की बैठक में म्यांमार को शरणार्थियों की वापसी का एक मसौदे भी सौंपा।