यांगून: म्यांमार में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के दो पत्रकारों को जानबूझकर फंसाने के मामले में एक पुलिस अधिकारी के ऊपर कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार पुलिस के इस अधिकारी ने एक दिन पहले ही स्वीकार किया था कि उसे और दूसरे अधिकारियों को समाचार एजेंसी रॉयटर के 2 रिपोर्टरों को फांसने के आदेश दिए गए थे। पुलिस अधिकारी की इस स्वीकारोक्ति के बाद उच्च अधिकारियों के आदेश पर उसके परिवार को सरकारी आवास से निकाल दिया गया है।
रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुद्दे को कवर कर रहे रॉयटर के पत्रकारों, वा लोन और क्याव सोए उ, को पिछले साल के 12 दिसंबर से हिरासत में रखा गया है। इन दोनों ही रिपोर्टरों पर औपनिवेशक काल के सरकारी गोपनीयता कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। पुलिस कैप्टन मोए यान नैंग ने शुक्रवार को एक अदालत को बताया कि उसके अफसरान ने 2 पुलिसकर्मियों को किसी रेस्त्रां में रिपोर्टरों से मिलने और उन्हें ‘अहम गोपनीय कागजात’ बताए जा रहे दस्तावेज सौंपने के लिए तैयार किया था ताकि उन्हें फांसा जा सके।
शनिवार को नैंग की पत्नी दाव तूउ ने बताया कि उन्हें और उनकी बेटी को राजधानी नायपीताव में अपने पुलिस आवास से निकलने का आदेश दिया गया है। सिसकियां लेते हुए दाव तूउ ने बताया, ‘एक पुलिस अधिकारी ने आज सुबह हमें बुलाया और कहा कि हमें तत्काल आवास से निकलना होगा और यह उच्च अधिकारी के आदेश हैं।’ गौरतलब है कि म्यांमार पर हालिया दिनों में प्रेस की आजादी का गला घोंटने के आरोप लगते रहे हैं।