कॉक्स बाजार: पश्चिमी म्यांमार के हिंदू आबादी वाले गांव में रीका धर ने अपने पति, 2 भाइयों और कई पड़ोसियों को नृशंसतापूर्वक मौत के घाट उतारे जाते और बाकी खौफजदा कुछ लोगों को हाथ पीछे बांधकर पहाड़ियों में ले जाते हुए देखा था। अपने 2 बच्चों के साथ भागकर बांग्लादेश के भीतर हिंदू शिविर में पनाह लिए हुए 25 वर्षीया धर ने कहा, ‘कत्ल करने के बाद, उन्होंने बड़े-बड़े 3 गड्ढे खोदे और उन सबको उसमें फेंक दिया। उनके हाथ उस समय भी पीछे की ओर बंधे हुए थे और आंखों पर पट्टी बांध दी गई थी।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार के हिंदुओं ने कहा कि रोहिंग्या आतंकियों ने उन्हें डरा-धमकाकर इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया। रखाइन के एक हिंदू ने बताया, 'रोहिंग्या आतंकियों ने हमारे ऊपर तलवार, भाले और बंदूकों से हमला किया। वे सैकड़ों की संख्या में थे। वह हिंदुओं का कत्लेआम करने की बात कर रहे थे और हमने उन्हें ऐसा करते देखा भी।' रखाइन से भागने में कामयाब रही एक महिला ने बताया कि आतंकियों ने उसके पति और अन्य रिश्तेदारों को मार डाला तथा उसे इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रखाइन में रोहिंग्या आतंकी म्यांमार के सैनिकों के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोगों को निशाना बना रहे हैं और उनका कत्लेआम कर रहे हैं।
चश्मदीदों ने बताया कि उत्तरी रखाइन प्रांत के खा मुंग सेक में हिंदुओं के छोटे से गांव में खून-खराबा हुआ जहां म्यांमार प्रशासन ने रविवार से कब्रगाहों से 45 शवों को खोदकर निकाला है। सेना का कहना है कि शवों की बरामदगी 25 अगस्त को रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा ढाए गए कहर को बयां करता है। उस दिन आतंकवादियों ने पुलिस चौकियों पर छापा मारा और सांप्रदायिक रक्तपात को अंजाम दिया। रोहिंग्या कैंपों के पास कॉक्स बाजार में हिंदुओं की छोटी-सी बस्ती में 15 वर्षीया प्रोमिला शील ने कहा, ‘पहाड़ियों में ले जाने के बाद उन्होंने हर किसी को मौत के घाट उतार दिया। मैंने अपनी आंखों के सामने यह सब देखा।’