यांगून: म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन दिन-ब-दिन जोर पकड़ता जा रहा है। शनिवार को पुलिस ने तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग किया। देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। कई जगहों पर सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां चलाईं, आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल हुए।
फ्रंटियर म्यांमार की रिपोर्ट के मुताबिक, मांडले में एक प्रदर्शनकारी के सिर में गोली लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति के सीने में गोली लगी और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। पुलिस द्वारा गोली चलाने की घटना यदानाबोन बंदरगाह के पास हुई, जहां दिन में भी सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां चलाईं, आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की थी। रबर की गोली से कम से कम पांच लोगों के घायल होने की खबर है, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया।
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यदानाबोन बंदरगाह के कर्मचारी भी तख्तापलट का विरोध करने वालों के साथ शामिल हो गए, जिन्हें दबाने के लिए करीब 500 पुलिसकर्मियों एवं सैनिकों को तैनात किया गया था। बंदरगाह कर्मचारियों ने चुनी हुई सरकार के हाथों में सत्ता सौंपे जाने तक काम का बहिष्कार करने का ऐलान किया। हिंसा के बीच प्रदर्शनकारी और निवासी आसपास के इलाके में भागने को मजबूर हुए। इससे पहले, म्यांमा में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने एक रैली के दौरान पुलिस की गोली से मारी गई एक महिला को शनिवार को श्रद्धांजलि दी।
यांगून में लगभग एक हजार प्रदर्शनकारी जुटे और एक सड़क पर अस्थायी स्मारक बनाकर म्या थ्वेट खाइन की तस्वीर के पास एक पुष्प चक्र रखा। प्रदर्शनकारियों ने अस्थायी स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ‘‘म्यांमार में तानाशाही खत्म करो’’ और ‘‘म्या थ्वेट खाइन आप हमेशा याद रहेंगी’’ जैसे नारे लगाए। यांगून के अलावा मांडले शहर में भी प्रदर्शनकारियों ने खाइन को श्रद्धांजलि दी।