यांगून: चीन की सीमा स्थित चिनश्वेहाव बॉर्डर गेट को म्यांमार अंतर्राष्ट्रीय स्थल प्रवेश द्वार बनाना चाहता है। म्यांमार के श्रमिक अप्रवासन और जनसंख्या मंत्री यू. थीन स्वे ने सोमवार को यह बात अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को बताई। समाचार एजेंसी 'सिन्हुआ' के मुताबिक, शान प्रांत स्थित चिनश्वेहाव के रास्ते व्यापार और पर्यटन की अच्छी संभावना है और यह चीन की सीमा स्थित मूज के बाद म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा बॉर्डर गेट (सीमा प्रवेश द्वार) है।
म्यांमार के व्यापारियों ने सरकार से वीसा, पासपोर्ट व अन्य जरूरी कागजात के तहत सीमापार से सैलानियों को आने-जाने की अनुमति प्रदान करने की मांग की है। उनका अनुमान है कि चिनश्वेहाव को अंतर्राष्ट्रीय स्थल प्रवेश द्वार की मान्यता प्रदान करने से सीमापार व्यापार बढ़ेगा। चिनश्वेहाव से सीमापार व्यापार में वित्त वर्ष 2013-14 से इजाफा हुआ है। वर्ष 2017-18 में इस रास्ते 64 करोड़ डॉलर का व्यापार होने का अनुमान है।
म्यांमार दाल, मक्का, तिल, चावल, रबर, मछली, चीनी और गन्ना चीन को निपर्यात करता है जबकि चीन से उर्वरक, निर्माण सामग्री और उपभोक्ता वस्तुओं का आयात करता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक म्यांमार और चीन के बीच 2016-17 में 10.46 अरब डॉलर मूल्य व्यापार हुआ था। म्यांमार और चीन के बीच इस समय 8 बॉर्डर गेट हैं।