वॉशिंगटन: पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव रियाज मोहम्मद खान ने कहा है कि 2008 में हुए मुंबई आतंकवादी हमले ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि को बिगाड़कर रख दिया और कश्मीर के हितों को ‘अपूरणीय क्षति’ पहुंचाई। मुंबई में नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। इन हमलों को 10 हथियारबंद आतंकवादियों ने अंजाम दिया। इन्होंने दो लक्जरी होटलों, एक यहूदी केंद्र व मुंबई के एक रेलवे स्टेशन को निशाना बनाया था। इसमें पाकिस्तान के आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को पकड़ा गया था और उसे भारत की एक जेल में फांसी दी गई थी।
पाकिस्तान उच्चायोग में एक सभा में संबोधन के दौरान खान ने कहा, ‘पाकिस्तान की छवि को धूमिल करने के अलावा, मुंबई हमलों ने कश्मीर के मुद्दे को अपूरणीय क्षति पहुंचाई।’ भारत नवंबर 2008 में हुए इन हमलों के लिए जमात-उद-दावा (JuD) प्रमुख हाफिज सईद को जिम्मेदार ठहराता है। सईद इन हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। मुंबई हमले की वजह से भारत व पाकिस्तान युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे। खान ने सऊदी अरब के पवित्र स्थल काबा के इमाम द्वारा हाल में दिए गए एक फतवे का उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि इस्लाम निजी व्यक्तियों व समूहों को जिहाद की घोषणा करने की इजाजत नहीं देता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि इन आतंकवादी समूहों की गलतियों का इस्तेमाल 'कश्मीर के स्थानीय व विधिसम्मत आजादी आंदोलन' को कमजोर करने के लिए नहीं किया जा सकता है क्योंकि 'एक भी कश्मीरी भारतीय कब्जे का समर्थन नहीं करता है।' पाकिस्तान के एक अन्य वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ, राजदूत तौकीर हुसैन ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजनयिक निक्की हेली के बयान का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारतीयों से पाकिस्तान पर नजर बनाए रखने के लिए कहा है। वहीं, अमेरिका में भारत के राजदूत एजाज चौधरी ने आरोप लगाया कि भारत सरकार कश्मीर के स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए क्रूर हिंसा का इस्तेमाल कर रही है।