इस्लामाबाद: पाकिस्तान से अक्सर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न की खबरें आती रहती हैं। इस बार पाकिस्तान के मुल्तान बार एसोसिएशन ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें अहमदी समेत सभी गैर-मुस्लिम वकीलों को बार काउंसिल के चुनाव में भाग लेने पर रोक लगाने का प्रावधान है। स्थानीय मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह प्रस्ताव जिला बार एसोसिएशन ऑफ मुल्तान के वकीलों द्वारा पेश किया गया है, जिसमें कहा गया था कि बार चुनाव लड़ने वाले वकीलों को इस्लाम में अपनी आस्था साबित करने के लिए एक हलफनामा पेश करना होगा।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में मुल्तान बार एसोसिएशन के इस कदम की आलोचना करने वालों की भी कोई कमी नहीं है। पाकिस्तान के लोग बार एसोसिएशन की भेदभाव वाली मानसिकता के खिलाफ सोशल मीडिया पर खूब लिख रहे हैं और जमकर लताड़ लगा रहे हैं। एक पाकिस्तानी यूजर शोएब इकबाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘बेहद शर्मनाक कदम! मुल्तान बार एसोसिएशन ने अहमदिया और गैर-मुस्लिम वकीलों को संघों या बार काउंसिल के चुनाव में भाग लेने से रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है।’
कुछ यूजर्स ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से भी सवाल पूछे हैं। कई लोगों ने इस मामले में दखल देने के लिए अपील की है। बता दें कि अल्पसंख्यकों पर नकेल कसने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान की निंदा की जाती रही है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भी आए दिन खबरें आती हैं कि पाकिस्तान धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रहा है। अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के तौर पर उनके साथ हिंसा करना, सामूहिक हत्या, अपहरण और दुष्कर्म जैसे काम पाकिस्तान में आम होते जा रहे हैं।