नई दिल्ली. सोशल मीडिया में जो खबरें चल रही हैं, अगर वे सही हैं तो अफगानिस्तान में आगे चलकर हालात और भी खराब हो सकते हैं। कुछ ट्विटर हेंडल के जरिए खबर दी जा रही है कि अफगानिस्तान में नई बनी तालिबान सरकार में उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर की मौत हो गई है। हालांकि जिन ट्विटर हेंडल के जरिए यह खबरें दी जा रही हैं उनमें अधिकतर हैंडल वेरिफाइड नहीं हैं। खबरों में कहा जा रहा है कि काबुल में राष्ट्रपति भवन में कुछ तालिबान नेताओं के बीच सत्ता संघर्ष हुआ है और उसमें मुल्ला बरादर की मौत हो गई है।
इन अफवाहों को ज्यादा हवा तब मिल रही है जब अफगानिस्तान पहुंचे कतर के विदेश मंत्री के साथ अधिकतर तालिबान नेताओं ने मुलाकात की है लेकिन उन तालिबान नेताओं में मुल्ला बरादर दिखाई नहीं दिया है। रविवार को कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल्लारहमान अफगानिस्तान पहुंचे हैं और वहां पर उन्होंने अफगानिस्तान के नए प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद तथा अन्य बड़े तालिबान नेताओं के साथ मुलाकात की लेकिन इस मुलाकात में न तो मुल्ला बरादर नजर आया न ही उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद स्तानिकजई को देखा गया। स्तानिकजई वही तालिबान नेता है जिसने 80 के दशक में देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
कुछ सोशल मीडिया हैंडल पर ऐसी खबरें भी दी जा रही हैं कि मुल्ला बरादर और स्तानिकजई अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार में अपना कद घटाए जाने से नाराज चल रहे हैं। अफगानिस्तान में जब तालिबान की वापसी हुई थी तो ऐसी खबरें आ रही थी कि मुल्ला बरादर के नेतृत्व में नई सरकार बनेगी और उस सरकार में स्तानिकजई को अफगानिस्तान का विदेश मंत्री बनाया जाएगा। लेकिन पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के मुखिया की काबुल यात्रा के बाद मुल्ला बरादर और स्तानिकजई का तालिबान की नई सरकार में कद घटा है।