कोलंबो: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने शुक्रवार को भारत से उनके देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की अपील की है। उन्हें 23 सितंबर को हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में गड़बड़ी होने की आशंका है। मालदीव रविवार को अपना तीसरा बहुदलीय राष्ट्रपति चुनाव कराएगा। मालदीव के विभिन्न विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हटाने के लिए एकजुट मोर्चा बनाया है। अब्दुल्ला यामीन सरकार पर असंतोष को कुचलने, भ्रष्टाचार, मामूली बातों को लेकर विरोधियों को सलाखों के पीछे धकेलने का आरोप है।
विपक्षी पार्टियों ने यामीन के खिलाफ वरिष्ठ सांसद इब्राहिम मोहम्मद सलीह को चुनाव मैदान में उतारा है। 30 साल के निरंकुश शासन के बाद पहली बार लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए नशीद ने कोलंबो में कहा, ‘यामीन चुनाव हार जायेंगे लेकिन सत्ता से नहीं हटेंगे।’ नशीद (51) को 2012 में पदच्युत कर दिया गया था, इसे उनके समर्थकों ने तख्तापलट कहा था। अगले साल के राष्ट्रपति चुनाव में यामीन ने बिल्कुल कम अंतर से नशीद को हराया था। उसके बाद नशीद को 2015 में संदिग्ध सुनवाई में आतंकवाद का दोषी ठहराया गया और अब वह श्रीलंका में निर्वासन में रह रहे हैं।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चुनाव के नतीजे को नहीं स्वीकारने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘गणित के हिसाब से यामीन के लिए चुनाव जीतना संभव नहीं है क्योंकि सभी विपक्षी दल उनके विरुद्ध एकजुट हैं। लेकिन जो नतीजा घोषित होगा वह मतपत्र के असल नतीजे से भिन्न होगा।’