जनकपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को साथ मिलकर हिंदुओं के 2 पावन स्थलों जनकपुर और अयोध्या के बीच सीधी बस सेवा का उद्घाटन किया। अयोध्या को जहां भगवान राम की जन्मभूमि माना जाता है वहीं नेपाल में स्थित जनकपुर देवी सीता की जन्मभूमि के रूप में विश्वविख्यात है। मोदी ने इस बस सेवा का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘जनकपुर और अयोध्या जोड़े जा रहे हैं।’ यह बस सेवा नेपाल और भारत में तीर्थाटन को बढ़ावा देने से संबंधित रामायण सर्किट का हिस्सा है। मोदी ने प्रसिद्ध जानकी मंदिर में पहुंचने और पूजा-अर्चना करने के उपरांत इस बस सेवा का शुभारंभ किया।
भारत सरकार ने रामायण सर्किट परियोजना के तहत विकास के लिए 15 स्थलों- अयोध्या, नंदीग्राम, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्यप्रदेश), महेंद्रगिरि (ओडिशा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र), भद्रचलम (तेलंगाना), हंपी (कर्नाटक) और रामेश्वरम (तमिलनाडु) का चयन किया है। नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने मंदिर परिसर में मोदी के पहुंचने पर उनका स्वागत किया। मोदी ने कहा, ‘जनकपुर आकर मैं बहुत खुश हूं। मैं राजा जनक और माता जानकी के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए यहां आया हूं। मैं जनकपुर की इस यात्रा के दौरान साथ देने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री श्री ओली को धन्यवाद देता हूं।’
मोदी का स्वागत करने के लिए मंदिर परिसर में हजारों लोग पहुंचे थे। जानकी मंदिर बहुत सुंदर लग रहा था क्योंकि उसकी साफ-सफाई की गई थी और उसे रोशनी से सजाया गया था। जनकपुर भगवान राम की पत्नी देवी सीता के जन्मस्थान के रुप में जाना जाता है। जानकी मंदिर का निर्माण 1910 में सीता की स्मृति में बनाया गया था। यह 3 मंजिला मंदिर पूरी तरह पत्थर से बना हुआ है और 4860 वर्गफुट क्षेत्र में फैला हुआ है। जनकपुर में हवाई अड्डे पर मोदी के पहुंचने पर नेपाल के रक्षा मंत्री इश्वर पोखरेल और द्वितीय प्रांत के मुख्यमंत्री लालबाबू राउत ने उनकी अगवानी की। यह प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल की तीसरी और इस साल नेपाल में नई सरकार के गठन के बाद से भारत से पहली उच्च स्तरीय यात्रा है।