
ढाका: बांग्लादेश जेल प्रशासन ने युद्ध अपराधी मीर कासिम को मृत्युदंड देने की तैयारी पूरी कर ली है और उनके परिवार को शनिवार को काशिमपुर केंद्रीय कारागार में उनसे आखिरी बार मिलने के लिए कहा गया है। जमात-ए-इस्लामी के नेता और कट्टरपंथी पार्टी के कोषाध्यक्ष कासिम के परिवार ने उन्हें फांसी पर लटकाए जाने को स्वीकार कर लिया है।
कासिम ने शुक्रवार को अपनी आखिरी उम्मीद यानी राष्ट्रपति से क्षमादान के लिए आवेदन करने से इंकार कर दिया था। 'ढाका ट्रिब्यून' के मुताबिक, कासिम की बेटी सुमैया राबिया ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि उनके पिता एक नरम दिल व्यक्ति हैं, जो हर बार अपने भाषण के दौरान रोते थे। सुमैया ने कहा कि उनका परिवार शायद उनसे अंतिम बार मिलने के लिए जाएगा और उन्होंने उनके मृत्युदंड को स्वीकार कर लिया है। इससे उन्हें शहादत हासिल होगी, जिसके लिए उन्होंने ताउम्र संघर्ष किया है।
जेल प्रशासन ने कासिम की पत्नी आयशा खातून को अपने पति से शनिवार दोपहर में मिलने के लिए कहा था। सरकारी अनुमति के बाद कासिम को फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा। शनिवार सुबह तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी। जेल अधीक्षक प्रशांत कुमार बनिक ने 'बीडीन्यूज24 डॉट कॉम' से शुक्रवार रात कहा, "जेल प्रशासन सरकार का आदेश मानने के लिए तैयार है। ऊपर से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद फांसी दे दी जाएगी।"
चटगांव में 1971 की आजादी की लड़ाई के दौरान कासिम (63) के अत्याचारों के कारण उनका नाम 'बंगाली खान' के रूप में मशहूर हो गया था। 2014 में देश में विशेष तौर पर गठित 'अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण'(आईसीटी) ने अल बदर कमांडर के रूप में 1971 के आजादी के युद्ध के दौरान उनके द्वारा किए गए अत्याचारों के लिए उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। सर्वोच्च न्यायालय के अपीली खंड ने मंगलवार को उनकी आखिरी समीक्षा याचिका नामंजूर कर दी थी।