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उग्रवादी समूहों को मिल रहा है पाक सरकार में शामिल तत्वों का समर्थन

पेंटागन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क सहित अफगान स्थित उग्रवादी समूहों को पाकिस्तान सरकार में शामिल तत्वों के समर्थन से लाभ मिल रहा है।

India TV News Desk
Published : June 21, 2017 18:26 IST
Militant groups are getting support of the elements...
Militant groups are getting support of the elements involved in the Pakistan

वाशिंगटन: पेंटागन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क सहित अफगान स्थित उग्रवादी समूहों को पाकिस्तान सरकार में शामिल तत्वों के समर्थन से लाभ मिल रहा है। ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल में पेंटागन ने अपनी पहली अफगान रिपोर्ट में कहा है अफगानिस्तान के परिणामों को पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय हित में देखता है और अपनी भारत केंद्रित क्षेत्रीय नीति के लक्ष्यों पर कायम रहता है। करीब 100 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को अफगानिस्तान की स्थिरता तथा इस युद्ध प्रभावित देश में मिशनों के नतीजों पर असर डालने वाला सर्वाधिक प्रभावशाली बाहरी कारक बताया गया है। (भारत अफगानिस्तान का सबसे भरोसेमंद भागीदार: पेंटागन)

पेंटागन का कहना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सहयोग में वृद्धि उग्रवादियों तथा आतंकी समूहों पर दबाव बनाने तथा साझा सीमा के दोनों ओर की सुरक्षा जरूरत पूरी करने के लिए महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट में कहा गया है तालिबान और हक्कानी नेटवर्क सहित अफगान केंद्रित उग्रवादी समूहों को पाकिस्तान में पूरी छूट है और पाकिस्तानी सरकार में शामिल तत्वों के समर्थन से उन्हें लाभ मिल रहा है। आगे रिपोर्ट में कहा गया है पाकिस्तानी सेना के कुछ अभियानों से कुछ आतंकी केंद्रों को व्यवधान पहुंचा है लेकिन तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे कुछ चरमपंथी समूह अन्यत्र चले गए और पाकिस्तान से तथा पाकिस्तान में लगातार सक्रिय बने हुए हैं।

इसमें कहा गया है कि अमेरिका पाकिस्तान से लगातार हर स्तर पर, सभी आतंकवादियों और चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्वाई करने के महत्व के बारे में कहता रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में अलकायदा, भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टीनेट-एक्यूआईएस), हक्कानी नेटवर्क, लश्कर ए तैयबा, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP), आईएसआईएस और इस्लामिक मूवमेंट आफ अफगानिस्तान के ठिकाने बने हुए हैं। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के हिस्से में बने ठिकाने और अफगानिस्तान के हिस्से में मौजूदगी दोनों देशों के लिए सुरक्षा को चुनौती बनी हुई हैऔर इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को खतरा बना हुआ है।

पेंटागन की यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पहली मुलाकात होने वाली है जिसमें आतंकवाद, बहस के विषयों में शामिल होगा। इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान में कम से कम 20 आतंकी संगठन सक्रिय हैं और दुनिया में आतंकी गुटों का यह सबसे बड़ा जमावड़ा है। उग्रवादियों, आतंकवादियों और अपराधियों के इन नेटवर्कों से अफगानिस्तान की स्थिरता को खतरा है। पेंटागन का कहना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है ताकि उग्रवादियों और आतंकी समूहों पर दबाव बन सके और साझा सीमा के दोनों ओर की सुरक्षा जरूरतें पूरी हो सकें।

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