नई दिल्ली: हिंदू परिवार पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले में खौफ के साए में जी रहे हैं। रविवार को हुए दंगों के बाद से यहां रहने वाले हिंदुओं को दंगों और हमलों का डर सता रहा है। रविवार को दंगाइयों की भीड़ ने हिंदू समुदाय के धर्मस्थल, संपत्तियों और घरों को नुकसान पहुंचाया। एक पाकिस्तानी वेबसाइट के मुताबिक इस मामले में दंगा करने वालों में धार्मिक नेता मियां मिट्ठू के समर्थक शामिल थे जिस पर सिंध में बड़े पैमाने पर हिंदू महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में शामिल होने का आरोप लगता रहा है।
हालांकि उसने खुद कहा है कि वह दंगाइयों का नेतृत्व नहीं कर रहा था, लेकिन ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिनमें साफ दिख रहा है कि उसका बड़ा भाई हिंदुओं पर हमले करने वालों की अगुवाई कर रहा है। सोशल मीडिया पर मियां मिट्ठू की गिरफ्तारी के लिए मुहिम छेड़ दी गई है।
भीड़ का हंगामा मुख्य रूप से सिंध पब्लिक स्कूल (एसपीबी) पर हुआ। कहा जा रहा है कि दंगाइयों की इस भीड़ का नेतृत्व मियां मिट्ठू का बड़ा भाई मियां असलम कर रहा था और यह भीड़ उसके समर्थकों की थी।
मियां मिट्ठू ने 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' से कहा कि उसका घोटकी के मामले से कोई लेना-देना नहीं है। पूर्व सांसद मियां मिट्ठू ने कहा, "मैंने प्रदर्शन का नेतृत्व नहीं किया। मुझे घोटकी की घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं तो वहां था भी नहीं। मैं उबारो में एक बैठक में था। मैंने सुना है कि किसी ने हमारे पैगंबर के बारे में कुछ टिप्पणी की है।"
लेकिन, मियां मिट्ठू की बातें उन तमाम वीडियो से गलत साबित हो रही हैं, जिनमें लाठी-डंडे से लैस दंगाई हिंसा करते नजर आ रहे हैं और जिनमें इसके समर्थक नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर मियां मिट्ठू की गिरफ्तारी के लिए मुहिम छेड़ दी गई है। हैशटैग मियां मिट्ठू पाकिस्तान में ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा है। पाकिस्तान के तमाम यूजर ट्विटर पर उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ उसकी तस्वीर शेयर की जा रही है। एक तस्वीर में वह एक चीनी लड़की को मुसलमान बनाता दिख रहा है।
सिंध के रहने वाले कपिल देव ने लिखा, "क्या इसकी पहचान बताने की जरूरत है? यह जबरन हमारी बेटियों का धर्म बदलता है। धर्म का दुरुपयोग करता है, हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काता है। ऐसे ही भयावह लोग पाकिस्तान का नाम खराब करते हैं।"
एक अन्य यूजर मोना आलम ने लिखा, "हमारे अल्पसंख्यकों को बचाएं और इसे जेल में डालें।" एक अन्य यूजर नोमी ने लिखा, "यह शर्मनाक है। बेहद दुखद। इस बदमाश को सलाखों के पीछे होना चाहिए। हम अपने हिंदू भाइयों के साथ हैं। अपनी मातृभूमि छोड़ने के बारे में कभी न सोचें।" मियां अब्दुल हक उर्फ मियां मिट्ठू के खिलाफ इसके पहले भी पाकिस्तान में हिंदू समुदाय और मानवाधिकार कार्यकर्ता आवाज उठा चुके हैं।
दरगाह भरचूंदी शरीफ का पीर कहा जाने वाला मियां मिट्ठू 2008 में सांसद रह चुका है। लेकिन, हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन में यह इतना बदनाम हुआ कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने 2013 में इसे टिकट नहीं दिया। इसके बाद के आम चुनाव में ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस ने पहले इसे टिकट देने का फैसला किया, लेकिन जब इसकी आलोचना शुरू हुई तो टिकट वापस ले लिया गया।
उसने इमरान खान की पार्टी तहरीके इंसाफ में जाने का फैसला किया, इमरान से इसकी मुलाकात भी हुई, लेकिन बात नहीं बनी थी। इसका नाम पहली बार जोरशोर से 2012 में तब सामने आया था, जब हिंदू लड़की रिंकल कुमारी का धर्म परिवर्तन करा उसे मुस्लिम बनाया गया था।