कुआलालंपुर: आज से 5 साल पहले लापता हुई मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट MH370 से जुड़ी एक नई बात सामने आ रही है। आपको बता दें कि इस प्लेन ने 8 मार्च 2014 को कुआलालंपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अपने निर्धारित समय पर उड़ान भरी थी, लेकिन बाद में इसका संपर्क रेडार से टूट गया था। 239 यात्रियों को ले जा रहे इस प्लेन के अवशेष बाद में हिंद महासागर में पाए गए थे। अब इस मामले में एक पत्रिका ने सनसनीखेज दावा किया है। पत्रिका ने कहा है कि इस प्लेन को उड़ा रहे पायलट जाहिरी अहमद शाह ने इसे जानबूझकर क्रैश किया था।
डिप्रेशन की स्थिति से गुजर रहा था पायलट
पत्रिका द अटलांटिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शाह डिप्रेशन की स्थिति से गुजर रहा था। उसकी निजी जिंदगी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा था। वह मानसिक तौर पर भी अस्वस्थ था। उसकी मानसिक हालत के बारे में इसी बात से समझा जा सकता है कि वह उन 2 मॉडल्स को लेकर दीवाना था, जिनकी तस्वीरें उसने इंटरनेट पर देखी थीं। इसके अलावा एयर होस्टेस के साथ संबंधों के कारण उसकी पत्नी उसे छोड़ चुकी थी। इन्हीं सबके चलते वह बेहद तनाव के दौर से गुजर रहा था।
क्रैश से पहले ही चली गई थी यात्रियों की जान!
पत्रिका के दावे के मुताबिक, हादसे की जांच में पता चला है कि विमान के उपकरणों को मैन्युअली बंद किया गया था। इसमें कहा गया है कि पायलट ने इस विमान को क्रैश करने की सोच ली थी। इसीलिए पहले वह विमान को उस ऊंचाई पर ले गया जहां प्लेन के अंदर ऑक्सिजन कम होने लगता है। मुख्य केबिन में ऑक्सिजन मास्क सिर्फ 15 मिनट तक सपोर्ट कर सकता है। शाह के पास कॉकपिट में ऑक्सिजन रही होगी, इसलिए वह कई घंटे तक विमान को काफी ऊंचाई पर घुमाता रहा, और इस दौरान यात्री ऑक्सिजन की कमी से पहले तो बेहोश हुए, और फिर प्लेन के क्रैश होने से पहले ही उनकी जान चली गई।
प्लेन को लेकर तेजी से समुद्र की तरफ बढ़ा शाह
पत्रिका की रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले तो शाह विमान को काफी ऊंचाई पर ले गया, और फिर उसने प्लेन को सीधे नीचे की तरफ मोड़ दिया। इसके चलते विमान काफी तेजी से नीचे आया और समुद्र में जाकर क्रैश हो गया। गौरतलब है कि इस मामले की जांच के बाद सामने आई 495 पेजों की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया था कि प्लेन को अपने निर्धारित रूट से दूसरी ओर ले जाने के लिए कंट्रोल्स के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की गई थी। हालांकि उस रिपोर्ट में इस हादसे के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया था।