Highlights
- आर्मीनिया के साथ सीमा पर हुई ताजा झड़पों में अजरबैजान के 7 सैनिकों की मौत हो गई।
- आर्मीनिया ने अजरबैजान के सैनिकों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया है।
- अजरबैजान सरकार ने आर्मीनिया पर सीमा पर 'बड़े पैमाने पर उकसावे' का आरोप लगाया है।
येरेवान/बाकू: आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच बॉर्डर पर एक बार फिर खूनी झड़पें शुरू हो गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्मीनिया के साथ सीमा पर हुई ताजा झड़पों में अजरबैजान के 7 सैनिकों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। अजरजबैजान के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए आर्मीनिया पर उकसावे का आरोप लगाया है। वहीं, आर्मीनिया के अधिकारियों ने एक व्यक्ति की मौत की जानकारी दी और कहा है कि मंगलवार को हुई झड़पों के दौरान उसके 13 सैनिकों को पकड़ लिया गया जबकि 24 अन्य लापता हैं।
पिछले साल 6 हफ्ते तक चली थी जंग
अलगाववादियों के क्षेत्र नागोर्नो-कारबाख को लेकर पिछले साल दोनों देशों के बीच 6 हफ्ते तक युद्ध चला था, जिसमें लगभग 6,600 लोगों की मौत हुई थी। आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय ने अजरबैजान के सैनिकों पर आर्मीनियाई चौकियों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया है। इस बीच, अजरबैजान सरकार ने आर्मीनिया पर सीमा पर 'बड़े पैमाने पर उकसावे' का आरोप लगाया है। आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख लेकर दशकों से तनातनी चल रही है। यह क्षेत्र अजरबैजान में स्थित है, लेकिन 1994 में हुए एक युद्ध के बाद से यह आर्मीनिया द्वारा समर्थित आर्मीनियाई जातीय बलों के नियंत्रण में है।
दोनों देशों के बीच ICJ में चल रही कानूनी लड़ाई
बता दें कि दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भी कानूनी लड़ाई चल रही है। पिछले महीने आर्मीनिया ने संयुक्त राष्ट्र अदालत में आरोप लगाया कि उसके नागरिकों के खिलाफ अजरबैजान योजनाबद्ध तरीके से जातीय घृणा को बढ़ावा दे रहा है। ICJ में सुनवाई शुरू होते ही आर्मीनियाई प्रतिनिधि येगिशे किराकोस्याम ने अपने देश के नागरिकों के खिलाफ अजरबैजान पर जातीय घृणा को योजनाबद्ध तरीके से बढ़ावा देने का आरोप लगाया। आर्मीनिया ने ICJ से आग्रह किया था कि वह अजरबैजान को जातीय भेदभाव के उन्मूलन संबंधी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन करने से रोकने के लिए तुरंत अंतरिम कदम उठाए।