बेटा है पैरालाइज़ड
अब्दुल खादर का 21 साल का बेटा कई सालों से पैरालाइज़ड है। जिसके इलाज के लिए अब्दुल ने लाखों रुपये कर्ज ले रखा है। गरीबी के फर्श से करोड़पति के अर्श पर पहुंचने वाले अब्दुल खुद को आज भी गरीब मानते हैं। करोड़पति अब्दुल खादर ने रिटायरमेंट के बाद भारत आकर अपने जैसे गरीबों की मदद करने का फैसला किया है।
जानिए कैसे बने मौत के मुंह से निकलकर करोड़पति
मोहम्मद बशीर अब्दुल खादर ने बताया कि मैं लंच करके उठा था कि दुबई ड्यूटी फ्री वालों का फोन आया। उन्होंने कहा कि आप करोड़पति बन गए हैं। मैंने कहा मज़ाक मत कीजिए। ये 17वीं बार है, मेरी किस्मत इतनी अच्छी नहीं हो सकती। लेकिन इस बार यह बात सच थी।
- अब्दुल खादर ने भारत आने से पहले दुबई में लॉटरी का टिकट खरीदा था।
- अब्दुल तिरुअनंतपुरम अपने परिवार के साथ ईद मनाने आए थे।
- दुबई लौटने पर उनका विमान हादसे का शिकार हो गया।
- 6 दिन बाद उनके लकी टिकट नंबर 0845 ने 1 मिलियन डॉलर का इनाम जीता।
- अब्दुल ने 17वीं बार दुबई ड्यूटी फ्री मिलेनियम मिलिनेयर का लॉटरी टिकट खरीदा था।
- अब्दुल 37 साल से दुबई में रहकर नौकरी कर रहे हैं।
बने करोड़पति, लेकिन नहीं बदली नियत
बशीर करोड़पति तो बन गए है, लेकिन उनके अंदर यह बात नहीं आई कि वह करोड़पति बन गए है। अब वह कुछ बी कर सकते हैं। इस बारें में बशीर बोले कि इन पैसों से मैं अपने देश में कुछ काम शुरू करूंगा, 10 घरों को नौकरी दूंगा। उस काम से जो मुनाफा होगा उससे मैं गरीब और जरूरतमंदों की मदद करूंगा। मैं 37 सालों से यहां हूं, मैं गरीब हूं, और मैं हमेशा गरीब ही रहूंगा। ऐसा नहीं है कि मैं करोड़पति हो गया हूं तो मुझे ताजमहल चाहिए।
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