माले: संकट से घिरे मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में उथल-पुथल के लिए कुछ लोगों को दोषी करार दिया जबकि पुलिस ने दो शीर्ष न्यायाधीशों पर सरकार के खिलाफ तख्तापलट में सहयोग करने के लिए ‘रिश्वत’ के तौर पर लाखों डॉलर लेने का आरोप लगाया। 2012 में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को सत्ता से बाहर करने के बाद से देश में कई बार राजनीतिक संकट आए हैं। नया संकट गत गुरुवार को शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए जेल में बंद 9 विपक्षी नेताओं को रिहा करने का आदेश दिया कि उनके खिलाफ मुकदमे ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित एवं दोषपूर्ण हैं।’
इसके बाद यामीन सरकार ने अदालत के आदेश का पालन करने से इनकार करते हुए देश में आपातकाल घोषित कर दिया। आपातकाल की घोषणा के बाद पूर्व राष्ट्रपति, मालदीव के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और सुप्रीम कोर्ट के एक और जज अली हमीद को गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल कयूम को भी गिरफ्तार किया गया। कार्यवाहक पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला नवाज ने कहा कि पुलिस को सबूत मिले थे कि जेल में बंद राष्ट्रपति का विरोध करने वाले नेताओं को रिहा करने के आदेश के बदले ‘सईद और हमीद तथा अदालत के अधिकारी हसन सईद को रिश्वत में लाखों डॉलर दिए गए।’
चीफ जस्टिस को मिली थी टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी
पुलिस ने बताया कि उन सब पर गैरकानूनी तरीके से सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया गया है। प्रधान न्यायाधीश के वकील ने गुरुवार को कहा कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तारी से पहले जान से मारने की धमकी मिली थी। सईद के वकील हिसान हुसैन ने कहा कि उनके मुवक्किल को धमकी मिली थी कि अगर चर्चित राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ दोषसिद्धि को निरस्त करने के अदालत के आदेश को नहीं पलटा गया तो उनके ‘टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएंगे।’ यामीन ने कहा कि जिस दिन कुछ 3 से 4 लोगों ने देश की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई, उसे भुलाया नहीं जाना चाहिए।
आपातकाल लागू करने के फैसले का किया बचाव
उन्होंने आपातकाल लागू करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि मालदीव को उसके अपने ही कुछ नागरिकों की कार्रवाई से बचा लिया गया। राष्ट्रपति ने बुधवार रात कहा, ‘हमें नहीं पता कि हमारे अपने लोगों ने जो कोशिश की थी, उस कार्रवाई के क्या परिणाम होते। हम अल्लाह की मेहरबानी से सुरक्षित हैं। हमें इस मेहरबानी के लिए हमेशा शुक्रगुजार रहना चाहिए।’ वह गिरफ्तार किए गए न्यायाधीशों और अपने सौतेले भाई एवं पूर्व राष्ट्रपति गयूम की तरफ इशारा कर रहे थे। राष्ट्रपति यामीन ने देश में गहराते राजनीतिक संकट से अवगत कराने के लिए चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब में विशेष दूत भेजने का फैसला किया है।
इसलिए भारत नहीं भेजा जा सका विशेष दूत
भारत में मालदीव के राजदूत ने कहा कि भारतीय नेतृत्व के साथ कार्यक्रम संबंधी दिक्कतों के कारण भारत में विशेष दूत नहीं भेजा जा सका। यामीन की कार्रवाई की पूरी दुनिया में निंदा किए जाने के बाद सरकार ने इन 3 देशों में अपने विशेष दूत भेजने का फैसला किया। अमेरिका ने यामीन को संसद की कार्यवाही सुनिश्चित करने और देश की जनता तथा संस्थानों को संविधान में दिए अधिकारों को बहाल करने को कहा है। मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त जैद राद जैद अल हुसैन ने कहा कि मालदीव में आपातकाल की घोषणा और इसके परिणामस्वरूप संविधान में दिए गए अधिकारों के निलंबन ने किसी भी लोकतांत्रिक शासन को चलाने के लिए आवश्यक नियंत्रण एवं संतुलन और शक्तियों के बंटवारे का सफाया कर दिया है।
चीन ने की यह अपील
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने स्थिति के हल के लिए सर्वदलीय वार्ता की व्यवस्था करने की पेशकश की है। वहीं चीन ने मालदीव में संयुक्त राष्ट्र के किसी भी तरह के हस्तक्षेप का विरोध करते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से वहां के राजनीतिक दलों के लिए बातचीत की व्यवस्था में ‘मदद कर‘ देश का राजनीतिक संकट हल करने का आह्वान किया।