कोलंबो: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने एशिया की बड़ी ताकत चीन पर एक गंभीर आरोप लगाया है। परोक्ष रूप से चीन पर हमला करते हुए मालदीव के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने आरोप लगाया कि ‘एक बड़ी उभरती शक्ति’ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण द्वीप में ‘जमीन पर कब्जा’ करने और उसकी संप्रभुता को खरीदने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनैतिक रूप से अशांत देश में इस साल होने वाले चुनाव वहां लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका है।
50 वर्षीय नशीद देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता थे। उन्हें मार्च 2015 में आतंक के आरोपों में 13 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। उन्हें यह सजा उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान मुख्य फौजदारी न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद की मनमाने तरीके से गिरफ्तारी को लेकर सुनाई गई थी। उन्हें ब्रिटेन में शरण दी गई थी। इसके बाद उन्हें वहां इलाज कराने की मांग करने का अधिकार दिया गया था। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें चुनाव लड़ने से रोका गया तो विपक्ष एकजुट होकर अपना कोई उम्मीदवार उतारेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को सत्ता से बेदखल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि ‘एक बड़ी और उभरती शक्ति मालदीव को खरीदने में लगी है।’
उन्होंने चीन का नाम लिए बिना कोलंबो में कहा, ‘हमारे द्वीप खरीदे जा रहे हैं, हमारी महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं को खरीदा जा रहा है और प्रभावी रूप में हमारी संप्रभुता को खरीदा जा रहा है। भूमि पर कब्जा चिंताजनक है।’ ‘मालदीव इंडिपेंडेंट’ के अनुसार उन्होंने कहा कि भूमि पर कब्जा मुक्त व्यापार समझौता, विशेष आर्थिक क्षेत्र और भूमि के विदेशी स्वामित्व या फ्री होल्ड का अधिकार देने के लिये संविधान में किये गए एक संशोधन की वजह से हो रहा है।