कुआलालंपुर: मलेशिया की एक अदालत उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन के सौतेले भाई किम जोंग नाम की हत्या की आरोपी दो महिलाओं को लेकर आज अहम फैसला सुनाएगी। इन महिलाओं के परिवारों को उम्मीद है कि वह बेगुनाह साबित होंगी। अदालत आज यह फैसला करेगी कि इंडोनेशिया की सीती ऐशयाह और वियतनाम की डोआन थी हुंआंग के खिलाफ लगे हत्या के आरोप को सही साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद है या नहीं। इन महिलाओं पर आरोप है कि इन्होंने कुआलालंपुर हवाई अड्डे पर कथित तौर पर किम जोंग नाम की हत्या की। अगर इन महिलाओं पर लगे आरोपों के समर्थन में पर्याप्त सबूत पाए जाते हैं तो इन महिलाओं के बचाव की दलीलों के लिए अदालत सुनवाई जारी रखेगा। अगर इनके खिलाफ सबूत नहीं पाए जाते हैं तो अदालत इन्हें बरी कर सकती है या हत्या के आरोप में संशोधन करके कोई अन्य आरोप तय कर सकती है। अगर यह महिलाएं इस मामले में दोषी करार दी जाती हैं तो मलेशिया में इसके लिए अनिवार्य मौत की सजा है। (72 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत ने नेपाल को 30 एम्बुलेंस उपहार में दीं )
इन महिलाओं के परिवारों का दावा है कि वह शीत-युद्ध के समय प्रचलित तरीके से हत्या नहीं कर सकती हैं। दोनों आरोपियों पर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के भाई किम जोंग नाम के चेहरे पर पिछले साल फरवरी में वीएक्स नर्व एजेंट लगाने का आरोप है। यह घटना तब हुई थी जब नाम मकाउ के लिए विमान पकड़ने का इंतजार कर रहे थे।
आरोपियों का दावा है कि वह दोनों उत्तर कोरिया के एजेंटों द्वारा रचे गए हत्या के षडयंत्र का शिकार हो गई क्योंकि उनका मानना था कि वह एक रियलिटी टीवी शो के लिए प्रैंक (मजाक) में हिस्सा ले रही हैं। वहीं सरकारी अभियोजकों ने इस मामले को जेम्स बांड फिल्म की तरह का बताते हुए तर्क दिया कि यह दोनों महिलाएं हत्या के लिए अच्छे से प्रशिक्षित थी और उन्हें अच्छी तरह से पता था कि वह क्या कर रही हैं।