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फ्लैशबैक 2018: साल की सबसे बड़ी घटनाएं जिन्होंने पूरी दुनिया पर अपना असर छोड़ा

आइए, नजर डालते हैं 2018 की कुछ ऐसी घटनाओं पर, जिन्होंने इस साल दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 28, 2018 13:55 IST
Major World events of 2018: Representational Image Pixabay
Major World events of 2018: Representational Image Pixabay

साल 2018 को खबरों के लिहाज से इस सदी के सबसे दिलचस्प सालों में गिना जाएगा। इस साल जहां उत्तर कोरिया और अमेरिका के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली तो वहीं सऊदी अरब में महिलाओं को कुछ ऐसे हक दिए गए जिसकी कुछ महीने पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। यह दुनिया के कई देशों में सियासी उठापठक के लिहाज से भी एक बेहद ही महत्वपूर्ण साल रहा। आइए, नजर डालते हैं 2018 की कुछ ऐसी घटनाओं पर, जिन्होंने इस साल दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा।

Saudi Arabia Women Freedom

सऊदी अरब की महिलाओं के लिए यह साल बेहद ही खास रहा | AP फोटो

सऊदी अरब में महिलाओं को मिली ‘आजादी’

सऊदी अरब में सालों बाद बदलाव की बयार बह रही है। 24 जून 2018 को सऊदी ने अपने कानून में बदलाव करते हुए महिलाओं को भी गाड़ी ड्राइव करने की इजाजत दे दी। इसी साल सऊदी अरब के न्यूज चैनल पर पहली बार कोई महिला ऐंकर दिखी। इसके अलावा इस देश में कई सालों बाद सिनेमाहॉल में मूवी दिखाई गई। ये हक पाने के लिए इस देश की महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सालों तक संघर्ष किया था। माना जा रहा है कि सऊदी महिलाओं को कई अन्य अधिकार भी देगा, जिसपर अभी तक पाबंदी लगी है।

Kim Jong Un and Donald Trump

सिंगापुर में मुलाकात करते हुए किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप | AP फोटो

जब सिंगापुर में मिले 2 ‘जानी दुश्मन’
12 जून 2018 की तारीख अमेरिका और उत्तर कोरिया के संबंधों में एक नई इबारत लिख गई। इस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने सिंगापुर में मुलाकात की। इससे पहले इस मुलाकात के लिए कभी हां, कभी ना वाले हालात रहे। कभी किम ट्रंप को अपनी पहुंच के अंदर परमाणु बटन होने की धमकी देते, तो कभी अमेरिकी राष्ट्रपति बताते कि उनका परमाणु बटन उत्तर कोरियाई नेता के मुकाबले बड़ा है और काम भी करता है। हालांकि अंत में दोनों सिंगापुर में मिले और दुनिया को कोरियाई प्रायद्वीप में शांति की उम्मीद जग गई।

California Fire

अमेरिका के कैलिफोर्निया में बीते 100 सालों की सबसे भयानक आग लगी | AP

कैलिफोर्निया के जंगलों में भड़की आग
कैलिफोर्निया के जंगलों ने इस साल भयंकर आग देखी। यह एक ऐसी आग थी जैसी इस देश में दशकों तक नहीं देखी गई। दर्जनों लोग इस जंगली आग की चपेट में आकर मारे गए, सैकड़ों लापता हुए, और हजारों घर तबाह हो गए। इसे अमेरिका में पिछले 100 साल में सबसे खतरनाक आग लगने की घटना माना गया। यह आग 8 नवंबर को शुरू हुई और 25 नवंबर तक धधकती रही, 620 स्क्वेयर किलोमीटर के बड़े इलाके को जलाती रही।

Jamal Khashoggi Donald Trump

सऊदी के वली अहद के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप | AP फोटो

पत्रकार को मारकर फंस गया सऊदी अरब
तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की सुनियोजित हत्या से सऊदी अरब सरकार कटघरे में खड़ी नजर आई। इस हत्या में सऊदी के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान का हाथ होने का दावा किया गया। पहले तो सऊदी अरब ने यह मानने से ही इनकार कर दिया कि खशोगी की हत्या की गई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे उसे झुकना पड़ा और मानना पड़ा कि पत्रकार को दूतावास में ही मार डाला गया है। इस एक घटना ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में सऊदी की साख पर जबर्दस्त बट्टा लगा दिया। हालांकि ट्रंप ने इसके बावजूद सऊदी से रिश्तों पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया।

Imran Khan

इमरान खान आखिर लंबे इंतजार के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन ही गए। तस्वीर Facebook से साभार।

शरीफ परेशान, इमरान बने 'कप्तान'
पाकिस्तान में 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने जीत हासिल की और वह देश के नए प्रधानमंत्री बने। हालांकि ऐसी भी रिपोर्ट्स आईं कि इमरान को जीत दिलाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने बड़े स्तर पर चुनावों में गड़बड़ी की। वहीं, यह साल नवाज शरीफ के लिए मुश्किलों भरा रहा। उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में 10 साल की जेल हो गई। साथ ही उन्हें चुनाव लड़ने के अयोग्य भी करार दिया गया। फिलहाल वह अपनी बेटी और दामाद के साथ जेल की सजा काट रहे हैं।

Donald Trump

इराक में अमेरिका सैनिकों के बीच डोनाल्ड ट्रंप | AP फोटो

डोनाल्ड जॉन ट्रंप
जी हां, अमेरिका राष्ट्रपति अकेले ही तमाम ऐसी परिस्थितियां पैदा कीं जिन्हें पूरी दुनिया की मीडिया में जगह मिली। ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग करने, ईरान और रूस समेत कई देशों पर प्रतिबंध लगाने, सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने, आव्रजकों और उनके बच्चों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने, दशकों पुरानी परंपरा को तोड़कर इस्राइल के जेरूसलम में अमेरिकी दूतावास खोलने, जेरूसलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने जैसे उनके तमाम कदमों ने दुनिया में अच्छी-खासी उथल-पुथल पैदा की।

Narendra Modi and Ibrahim Mohamed Solih

मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | AP फोटो

मालदीव में फूट गई ‘चीन की हांडी’
यह साल हिंद महासागर में भारत के पड़ोसी मालदीव के लिए भी काफी उथल-पुथल लेकर आया था। साल की शुरुआत में ही तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में 15 दिनों के आपातकाल का ऐलान किया। राजनीति कैदियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार करने के बाद अपने देश के लोगों के विरोध को देखते हुए यामीन ने फरवरी में आपातकाल लगाया था। कई देशों के विरोध के बाद 22 मार्च 2018 को जाकर आपातकाल खत्म होने का ऐलान हुआ। बाद में चुनाव हुए, जिनमें चीन समर्थक माने जाने वाले यामीन की जगह भारत के लिए नर्म रुख रखुने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह देश के नए राष्ट्रपति बने।

Moon Jae-in and Kim Jong-un

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन | AP फोटो

दुनिया ने देखी किम और मून की यारी
यह साल दशकों से एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन रहे दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के रिश्तों पर जमी बर्फ के पिघलने का भी गवाह रहा। किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया का दौरा किया तो दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन भी प्योंगयांग आए। मून का यह दौरा दक्षिण कोरिया के किसी भी नेता द्वारा पिछले 11 सालों में उत्तर कोरिया की राजधानी के लिए पहला दौरा था। दोनों की इन मुलाकातों के दौरान की तस्वीरों को देखकर दुनिया में यह उम्मीद पनपी है कि ये दोनों प्रतिद्वंदी देश जल्द ही एक खुशनुमा रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं।

Maithripala Sirisena and Ranil Wickremesinghe

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे | AP फोटो

श्रीलंका ने देखे 2-2 ‘प्रधानमंत्री’
भारत का एक और पड़ोसी देश श्रीलंका भी इस साल राजनीतिक उथल-पुथल का शिकार हुआ। यहां के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने नाटकीय ढंग से प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को उनके पद से बर्खास्त किया और महिंदा राजपक्षे को देश का नया प्रधानमंत्री बना दिया। इसके बाद विक्रमसिंघे ने राजपक्षे को प्रधानमंत्री मानने से इनकार कर दिया। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिरिसेना की ओर से संसद भंग करने के फैसले को अवैध करार दे दिया, जिसके बाद 16 दिसंबर को रानिल विक्रमसिंघे की देश के प्रधानमंत्री पद पर वापसी हुई।

Thai Cave Rescue

थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों और कोच की जिंदगी के लिए पूरी दुनिया प्रार्थना कर रही थी | AP फोटो

थाईलैंड में गुफा से सुरक्षित निकली फुटबॉल टीम
थाईलैंड के उत्तर में स्थित पानी से भरी एक गुफा से 12 बच्चों और उनके कोच को 10 जुलाई को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। फुटबाल खेलने वाले ये खिलाड़ी और कोच 18 दिनों तक इस गुफा में फंसे हुए थे। इन बच्चों और कोच को निकालने के लिए व्यापक तौर पर राहत कार्य शुरू किया गया था जिसमें कई देशों के विशेषज्ञ लगे हुए थे। सबसे पहले ब्रिटिश बचाव गोताखोरों ने इन बच्चों को ढूंढा, जो गुफा के मुख्य द्वार से 4 किलोमीटर अंदर थे। ये सभी खिलाड़ी फुटबॉल क्लब वाइल्ट बोर्स के हैं।

Indonesia Earthquake and Tsunami

इंडोनेशिया में इस साल प्राकृतिक आपदाओं ने जमकर कहर बरपाया | AP फोटो

इंडोनेशिया में ‘सुनामी रिटर्न्स’
इंडोनेशिया ने 2018 में कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया। यहां के लोम्बोक द्वीप पर जुलाई और अगस्त के महीने में आए भूकंप और सुनामी के चलते सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। अभी इंडोनेशिया इस झटके से उबरा भी नहीं था कि 22 दिसंबर को सुंडा स्ट्रेट में ज्वालामुखी फटने के बाद आई विनाशकारी सुनामी में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि हजारों लापता हो गए। इसके अलावा इस घटना में कम से कम 22 हजार लोग विस्थापित भी हुए। इससे पहले 2004 में आए 9.1 तीव्रता वाले भूकंप और सुनामी ने आचिह प्रांत में काफी तबाही मचाई थी। उस घटना में करीब 1,70,000 लोगों की जान चली गई थी।

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