कोलंबो : श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने आशंका जतायी है कि अलगाववादी तमिल टाइगर्स फिर से एकजुट हो सकता है और देश में आतंकवाद फिर से पनप सकता है।
राजपक्षे ने कहा, ‘हमें खुशी है कि आतंकवादी नहीं बचे हैं। लेकिन मुझे आशंका है कि हम आतंकवाद की वापसी होते देख सकते हैं।’ उत्तरी मध्य शहर अनुराधापुर में उन्होंने एक धार्मिक समागम में कहा, ‘हम नहीं चाहते कि जो कुछ हुआ वह फिर से देखें। हम चाहते हैं हर कोई शांति और सौहार्द से रहे।’ 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पर श्रीलंकाई सेना की फतह का नेतृत्व करने वाले राजपक्षे की सत्ता में वापसी के लिए संसदीय चुनाव लड़ने की योजना है।
उन्होंने 2005 में पहली बार जीत हासिल की थी और सिंहली बहुसंख्यकों के बीच लोकप्रियता की लहर के बीच 2010 में फिर से जीते। उन्होंने बाद में संविधान बदल दिया और तीसरी बार जीतने की आस में जनवरी में चुनाव करवाया। लेकिन, दिग्गज नेता को राष्ट्रपति चुनावों में हार का सामना करना पड़ा और मैत्रीपाला सिरीसेना राष्ट्रपति बने।