लाहौर: पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा के बाहर हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या आज बढ़कर 14 हो गई। अधिकारियों ने हमले में मदद करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता नियाब हैदर ने पीटीआई भाषा से कहा, लाहौर माल रोड पर सोमवार को हुए हमले में घायल हुए एक और व्यक्ति की मौत हो गई, जिससे मृतक संख्या अब 14 हो गई है। उन्होंने बताया कि आधा दर्जन से अधिक घायलों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
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पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा के बाहर सोमवार को विरोध रैली में एक तालिबानी आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया था। इसमें दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत 13 की मौत हो गई थी और 71 से अधिक लोग घायल हो गए थे। हैदर ने कहा, पुलिस ने विस्फोटों के संबंध में अफगान के कुछ लोगों सहित 50 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खुफिया एजेंसी को मामले में एक सुराग मिला है और हमले में मदद करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है।
अधिकारी ने कहा, हमें उम्मीद हैं कि इसके जरिए हम मुख्य साजिशकर्ता और अन्य अपराधियों को पकड़ पाएंगे। पकड़े गए संदिग्ध से पूछताछ जारी है। गृह मंत्रालय ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अति सर्तकता बरतने और कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने एक बयान में कहा, सभी लक्षित इलाकों में खोजी अभियान चलाए जाने चाहिए, विशेषकर जहां अफगान:पठान समुदाय रहते हैं। इस बीच सरकार ने अपराध जांच विभाग के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद इकबाल के नेतृत्व में एक साझा जांच दल गठित किया, जो मामले की जांच करेगा। पंजाब के विधि मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि संघीय सरकार अफगान सरकार से जमात-उल-अहरार के खिलाफ कदम उठाने के बारे में बात करेगी।
प्रतिबंधित तहरीक ए-तालिबान पाकिस्तान :टीटीपी: के गैरकानूनी धड़े जमात-उल-अहरार ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इसने पिछले साल 27 मार्च को लाहौर के गुलशन-ए-इकबाल पार्क में हुए विस्फोट की जिम्मेदारी भी ली थी, जिसमें 75 लोग मारे गए थे। इनमें से अधिकतर लोग ईसाई थे, जो हमले के समय ईस्टर मना रहे थे। टीटीपी के पूर्व नेता ने अगस्त, 2014 में इसका गठन किया था। इसने आम नागरिकों, धार्मिक अल्पसंख्यकों, सैन्यकर्मियों और कानून प्रवर्तन कर्मियों को निशाना बनाकर पाकिस्तान में कई हमलों को अंजाम दिया है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था, इन आतंकी गतिविधियों को रोकने का एकमात्र समाधान आतंकियों के खिलाफ अंधाधुंध, तत्काल और क्रूर अभियान चलाना ही दिखता है।