इस्लामाबाद: पाकिस्तान की जेल में कथित जासूसी के आरोप में बंद कुलभूषण जाधव की मां एवं पत्नी ने यहां पाकिस्तानी विदेश कार्यालय में उनसे लगभग 40 मिनट तक मुलाकात की। हालांकि, जाधव व उनकी मां व पत्नी के बीच ग्लास पैनल लगे हुए थे और उन्होंने स्पीकर फोन के जरिए बातचीत की। मंत्रालय पहुंचने के बाद जाधव की मां और पत्नी ने मीडियाकर्मियों का अभिवादन नमस्ते कहकर किया लेकिन उनके सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने जाधव व उनके परिजनों के बीच 22 माह के बाद हुई इस मुलाकात की तस्वीर जारी की है।
विदेश कार्यालय के मुताबिक, बैठक 2 बजकर 18 मिनट पर शुरू हुई। जाधव के परिवार के साथ विदेश कार्यालय गए भारतीय उप उच्चायुक्त जे.पी.सिंह दूर से बातचीत के गवाह बने। विदेश कार्यालय में भारत डेस्क की निदेशक डॉ. फारिहा भी इस मुलाकात में उपस्थित थी। मुलाकात की वीडियोग्राफी भी की गई है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने वहां की एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें जाधव को ग्लास पैनल के आर-पार इंटरकॉम के जरिए अपनी मां अवंति और पत्नी से बात करते हुए दिखाया गया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि इस मुलाकात की इजाजत पूरी तरह से मानवीय आधार पर दी गई है, हालांकि जाधव और उनके परिवार को सीधे एक-दूसरे से मुलाकात की इजाजत नहीं दी गई। जाधव और उनके परिवार की सीधी मुलाकात न कराने की वजह सुरक्षा को बताया गया। जाधव की पत्नी और मां मुलाकात के बाद भारत रवाना होने से पहले भारतीय उच्चायोग गई।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने जारी किया वीडियो
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जाधव की उनकी मां और पत्नी के साथ हुई मुलाकात के बाद विडियो जारी किया। हालांकि इस विडियो की रिकॉर्डिंग इस मुलाकात के पहले ही कर ली गई थी। इस विडियो में कुलभूषण जाधव परिजनों से मुलाकात कराने के लिए पाकिस्तानी सरकार को शुक्रिया कहते दिखाई दे रहे हैं। पाकिस्तानी जेल में बंद जाधव को इस मुलाकात के दौरान एक शीशे की दीवार के पीछे रखा गया था। जाधव की मां और पत्नी केवल उनको देख पा रही थीं। बात करने के लिए इंटरकॉम का सहारा लेना पड़ रहा था।
जाधव की मां और पत्नी ने मीडिया को कहा ‘नमस्ते’
मंत्रालय पहुंचने के बाद जाधव की मां और पत्नी ने मीडियाकर्मियों का अभिवादन नमस्ते कहकर किया लेकिन उनके सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने मंत्रालय से लौटते वक्त भी संवाददाताओं से कोई बात नहीं की, हालांकि पत्रकार सवाल पूछते रहे। जाधव उनके परिवार के पहुंचने से पहले ही मंत्रालय की इमारत में थे। यह नहीं पता कि विदेश मंत्रालय लाने से पहले उन्हें कहां रखा गया था। टीवी फुटेज में करीब 7 वाहनों के काफिले में जाधव के परिवार को शहर में आते हुए दिखाया गया। अधिकारियों के मुताबिक किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मंत्रालय में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात किये गये थे, जिनमें शार्पशूटर भी थे।