काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद का बजट सत्र समाप्त करने की सिफारिश करने का फैसला किया है। इसका मतलब यह है कि अपनी ही पार्टी की तरफ से चुनौती झेल रहे नेपाल के पीएम इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं। माना जा रहा है कि संसद सत्र स्थगित कर के वह दल विभाजन का नया कानून ला सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री के इस फैसले के साथ ही अध्यादेश लाकर पार्टी विभाजन की संभावना बढ़ गई है।
चीन के इशारे पर चल रहे हैं ओली
बता दें कि चीन के इशारों पर भारत के खिलाफ फैसले लेने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की मुश्किलों में काफी इजाफा हुआ है। बीते मंगलवार को उनकी अपनी ही पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे इस्तीफा मांग लिया। ओली ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार द्वारा नेपाल के राजनीतिक मानचित्र को वापस लेने के बाद उन्हें हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में नेपाल के साथ भारत के रिश्ते सहज नहीं रह गए हैं। भारत-नेपाल के रिश्तों में आई इस कड़वाहट के लिए खुद ओली की ही पार्टी के नेता उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
नेपाल के पीएम ने लगाए थे गंभीर आरोप
नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने रविवार को भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए ‘दूतावासों और होटलों’ में कई तरह की गतिविधियां चल रही हैं। उन्होंने कहा था कि कुछ नेपाली नेता भी खेल में शामिल हैं। ओली के इस बयान के बात उनकी ही पार्टी के नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड के अलावा, वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल, झलनाथ खनाल, उपाध्यक्ष बामदेव गौतम और प्रवक्ता नारायणजी श्रेष्ठ ने भी प्रधानमंत्री ओली से उनके आरोपों का सबूत देने के लिए कहा और ऐसा न कर पाने पर सत्ता छोड़ने के लिए कहा था।