नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर पर काम अपने अखिरी चरण में है। भारत ने इस काम को पूरा करने के लिए 31 अक्टूबर तक का लक्ष्य रखा है। जिससे गुरुनानक देव के 550वें जन्मोत्सव के मौके पर संगत करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकें। ऐसे में आज भारत और पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत हुई। माना जा रहा है कि इस बातचीत में उन चीजों को लेकर चर्चा हुई जिनपर दोनों देशों के बीच अभी सहमती नहीं बन पाई है। बातचीत में भारत के लिए सबसे बड़ा मुद्दा श्रद्धालुओं की सुरक्षा का है। हालांकि, इसके बारे में कोई आधिकारिक बयान अभी नहीं आया है। ये बातचीत वाघा-अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ हुई।
क्या चाहते हैं भारत और पाकिस्तान?
भारत की मांग | पाकिस्तान की ज़िद |
हर रोज़ 5000 श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकें | केवल 500 से 700 श्रद्धालुओं की इजाज़त |
विशेष पर्वों पर 10 हज़ार श्रद्धालु जा सकें | सिर्फ कुछ श्रद्धालुओं को ही जाने की इजाज़त |
दर्शन के लिए कोई फीस नहीं होनी चाहिए | दर्शन के लिए 20 डॉलर चुकाने होंगे |
बिना फीस के श्रद्दालुओं को परमिट मिले | दर्शन के लिए वीज़ा की तर्ज पर परमिट फीस देनी होगी |
श्रद्धालु अगर चाहें तो पैदल भी जा सकें | श्रद्धालुओं को बस से ही जाना होगा |
पाकिस्तान की तरफ ज़ीरो लाइन पर पुल बने | पाकिस्तान पुल बनाने के लिए तैयार नहीं |
एक या दो श्रद्धालु जाना चाहें तो जा सकें | कम से कम 15 श्रद्धालुओं का ग्रुप जा पाएगा |
श्रद्धालुओं को सप्ताह में किसी भी दिन जाने की छूट | सप्ताह में कुछ ही दिन तय किए जाएंगे |
इन सबके अलावा काम वक्त पर पूरा करने को लेकर भी चिंताएं जताई जा रही हैं। भारत ने सिंतंबर तक ही काम पूरा हो जाने की तैयारी की है। वहीं, पाकिस्तान की तरफ से पुल बनाने के काम पर अभी हामी भी नहीं भरी गई है।