इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि करतारपुर गलियारे को चालू करने के लिए भारत के साथ ऐतिहासिक समझौते पर बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर हो सकते हैं। यह गलियारा भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतापुर के गुरुद्वारे से जोड़ेगा जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर है। करतारपुर में गुरुद्वारा पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है।
शुरुआत में दोनों पक्ष बुधवार को समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी हुए थे। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारी समझौते पर कल (बृहस्पतिवार को) हस्ताक्षर करवाने की कोशिश है।’’ उन्होंने बताया कि ऐसी व्यवस्था बनी है जिसमें श्रद्धालु सुबह आएंगे और गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेकने के बाद शाम को लौट जाएंगे। हर दिन इस पवित्र धर्म स्थल पर कम से कम 5,000 श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दी जाएगी।
फैसल ने कहा कि हर श्रद्धालु को शुल्क के तौर पर 20 डॉलर देने होंगे। उन्होंने बताया कि समझौते पर हस्ताक्षर के बाद उसके बारे में और अधिक जानकारियां दी जाएगी। भारत इस समझौते पर ऐसे समय में हस्ताक्षर करने जा रहा है जब उसने हर श्रद्धालु पर 20 डॉलर का सेवा शुल्क लगाने के पाकिस्तान के फैसले का विरोध किया है। नई दिल्ली में विदेश मंत्री ने सोमवार को कहा था कि मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी बृहस्पतिवार को करतारपुर गलियारे के पास जीरो प्वॉइंट पर पाकिस्तान के अधिकारियों से मिलेंगे और भारत की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।
भारत और पाकिस्तान की गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर साल भर चलने वाले जश्न समारोह से पहले नवंबर की शुरुआत में इस गलियारे को खोलने की योजना है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने करतारपुर में 18 से अधिक साल बिताए थे। फैसल ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने हरियाणा तथा महाराष्ट्र में हाल ही संपन्न चुनावों के दौरान अपनी घरेलू राजनीति में पाकिस्तान को घसीटने की कोशिश की। उन्होंने एक बार फिर भारत द्वारा नियंत्रण रेखा पर आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने की भारतीय सेना प्रमुख की टिप्पणियों का कड़ा खंडन किया।
उन्होंने पी-5 (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य) देशों से भारत से आतंकी शिविरों के बारे में सूचना मुहैया कराने के लिए कहने की अपील की। फैसल ने कहा कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने दावों के समर्थन में ‘‘आतंकी शिविरों’’ के ठिकाने की जानकारी बताने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह नहीं दी लेकिन ‘‘हमारे सशस्त्र बल और लोग हमले की किसी भी कार्रवाई के खिलाफ देश की रक्षा करने के लिए तैयार हैं।’’
एक सवाल के जवाब में फैसल ने कहा कि अगर सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के अधिकारों को चुनौती दी गई तो वह उचित मंच पर अपने मामले को उठाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर पर पाकिस्तान का रुख बहुत स्पष्ट है और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की भी निंदा की। कश्मीर मुद्दे पर मलेशियाई राष्ट्रपति महातिर मोहम्मद के रुख के बारे में पूछे जाने पर फैसल ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को अपने मलेशियाई भाइयों और बहनों पर गर्व है।’’ महातिर ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाया था, जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।