काबुल: तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में हवाई अड्डे पर अफरातफरी का माहौल है, हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है जो जल्द से जल्द देश छोड़ने को बेचैन है। लोग हवाई पट्टी पर इधर से उधर दौड़ रहे हैं और विमानों में सवार होने के लिए धक्का मुक्की हो रही है। हवाई अड्डे की अफरातफरी पर काबू पाने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने चेतावनी स्वरूप हवा में गोलियां भी चलायीं।
राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से बाहर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान के लड़ाके काबुल में घुस गए। इसके साथ ही दो दशक लंबे उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया, जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश में बदलाव लाने की कोशिश की थी। तालिबान ने एक हफ्ते से भी कम समय में देश के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया और पश्चिमी देशों द्वारा प्रशिक्षित देश का सुरक्षा बल, तालिबान को रोकने या मुकाबला करने में नाकाम साबित हुआ।
काबुल में तनावपूर्ण शांति है और ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं तथा तालिबान ने प्रमुख चौराहों पर अपने लड़ाकों को तैनात कर दिया है। लूटपाट की छिटपुट खबरें भी आ रही हैं। सड़कों पर इक्का दुक्का वाहन ही नजर आ रहे हैं और तालिबान के लड़ाके शहर के एक मुख्य चौराहे पर वाहनों की तलाशी लेते देखा जा सकते हैं। तालिबान ने हज़ारों कैदियों को रिहा कर दिया है और लोगों को अराजकता का डर सता रहा है।
लोगों को तालिबान के क्रूर शासन के फिर से लौटने की आशंका सता रही है। बड़ी संख्या में लोग काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एकत्र हो गए हैं। हालांकि अफगानिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के अनुसार हवाई अड्डे के असैनिक हिस्से को अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो में देखा जा सकता है कि हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए हैं।
एक वीडियो में भीड़ को एक विमान में सवार होने की कोशिश में सीढ़ी पर चढ़ते देखा जा सकता है। एक अन्य वीडियो में, सैकड़ों लोगों को अमेरिकी वायु सेना के एक परिवहन विमान के साथ दौड़ते हुए देखा जा सकता है। मसूमा ताजिक (22) के अनुसार हवाई अड्डे की स्थिति दहशत भरी है। लेकिन उसे उम्मीद है कि लोगों को सुरक्षित निकालने वाले किसी उड़ान में वह भी सवार हो पाएगी।
मसूमा ने कहा कि वह छह घंटे से हवाई अड्डे पर इंतजार कर रही है और इस दौरान उन्होंने गोलियां चलने की आवाज सुनी, जहां पुरुषों और महिलाओं की भीड़ एक विमान में सवार होने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने कहा कि जब लोगों ने दीवारों को तोड़ दिया, अमेरिकी सैनिकों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गैस का छिड़काव किया और हवा में गोलियां चलाईं।
शफी आरिफी ने रविवार को उज्बेकिस्तान की यात्रा के लिए टिकट लिया था लेकिन वह अपने विमान में सवार नहीं हो सकी क्योंकि विमान उन लोगों से भर गया था जो दौड़ कर टर्मिनल पर पहुंच गए थे। वहां कोई पुलिस कर्मी या हवाई अड्डा कर्मचारी नहीं था। आरिफी ने वहां की बदहाल स्थिति का वर्णन करते हुए कहा कि खड़े होने की भी जगह नहीं है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
एक महिला के बेहोश होने और विमान से उतारे जाने के बाद आरिफी घर वापस चली गई। अमेरिकी दूतावास को खाली कराने के साथ ही अमेरिकी ध्वज को उतार लिया गया है। राजनयिकों को हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर दिया गया है। अन्य पश्चिमी देशों ने भी अपने दूतावास बंद कर दिए हैं और कर्मचारियों और नागरिकों को बाहर निकाल रहे हैं।
अफगान नागरिक सीमाओं को पैदल ही पार कर देश से बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उन सीमाओं पर अब तालिबान का नियंत्रण है। तालिबान ने जिस तेजी के साथ अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, उससे अमेरिकी अधिकारी चकित हैं।