इस्लामाबाद/नयी दिल्ली: पाकिस्तान में सेना की मुखर आलोचना करने वाले एक प्रख्यात पत्रकार ने आज यहां कहा कि उन पर हथियारों से लैस करीब दर्जन भर अज्ञात लोगों ने हमला किया और जान से मारने की धमकी दी है। साथ ही, उन्हें अगवा करने की भी कोशिश की गई। डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक भारतीय टीवी चैनल ‘वर्ल्ड इज वन न्यूज’ (डब्ल्यूआईओएन) के पाकिस्तान ब्यूरो प्रमुख के पद पर कार्यरत ताहा सिद्दीकी ने बताया कि उन पर 10-12 लोगों ने उस वक्त हमला कर दिया, जब वह रावलपिंडी स्थित हवाईअड्डा जा रहे थे और इसी दौरान उन्हें अगवा करने की कोशिश की गई । हालांकि वह बच निकलने में कामयाब रहे । उन्हें इस झड़प में मामूली चोटें भी आई हैं।
फ्रांस में पत्रकारिता के सर्वोच्च पुस्कार अलबर्ट लांड्रेस से नवाजे जा चुके सिद्दीकी ने सिलसिलेवार ट्वीट में घटना का जिक्र किया । उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘‘मैं आज सुबह 8: 20 बजे हवाईअड्डा जा रहा था, तभी 10-12 हथियारबंद लोगों ने मेरी कैब रोक ली और जबरन मुझे अगवा करना चाहा।’’ ताहा ने बताया कि हथियारबंद लोगों ने चिल्ला कर कहा, ‘‘...साले को गोली मारो ।’’ अपने पोस्ट में सिद्दीकी ने कहा कि वह अपहरण की कोशिश से बच निकलने में कामयाब रहे। वह सुरक्षित हैं और अब पुलिस के साथ हैं।
उन्होंने अपने ट्वीट के आखिर में कहा, ‘‘हर संभव तरीके से समर्थन चाहता हूं।’’ उन्होंने इसके लिए ‘जबरन लापता करना बंद करो’ के हैशटैग का इस्तेमाल किया। पुलिस अधीक्षक मुस्तफा तनवीर ने इस बात की पुष्टि की है कि सिद्दिकी ने घटना के बाद पुलिस से संपर्क किया। वह निजी टैक्सी में थे जब हथियारबंद लोगों ने उन्हें रोका था।
घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए डब्ल्यूआईओएन के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने नयी दिल्ली में एक बयान में कहा कि हम अब उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान सरकार ताहा सिद्दिकी की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और इस हमले की तह तक जाएगी। उन्होंने कहा कि इस हमले के बावजूद डब्ल्यूआईओएन पाकिस्तानी सरजमीं से निर्भीक पत्रकारिता जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध बना रहेगा।
पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव और उनके परिवार से पाकिस्तानी प्रेस के बर्ताव की हाल ही में सिदि्दकी ने आलोचना की थी। उन्होंने इस्लामाबाद में जाधव के अपने परिवार से मिलने के बाद 25 दिसंबर को ट्वीट किया था, ‘‘...जब वे लोग (जाधव और उनके परिवार के लोग) विदेश कार्यालय भवन से निकले, तब मेरे साथी पत्रकारों ने कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी से कैसा बर्ताव किया। उन्होंने तंज कसे। यह बहुत शर्मनाक था।
ताहा ने ‘वर्ल्ड इज वन न्यूज’ में एक आलेख में लिखा था कि इनमें से कई पत्रकार विदेश कार्यालय ब्रीफिंग में जाने पहचाने चेहरे हैं और कई बरसों का अनुभव रखते हैं। जब वे लोग मुलाकात को कवर कर रहे थे तब रिपोर्टिंग के दौरान वे सभी नैतिकता का त्याग करते नजर आए। डब्ल्यूआईओएन ने बयान में कहा कि जब जाधव के परिवार ने पाकिस्तान की यात्रा की थी तब ताहा ही एकमात्र ऐसे पत्रकार थे जिन्होंने जाधव के परिवार से किए गए बुरे सलूक की आलोचना की थी और इसके चलते सोशल मीडिया पर उनके साथी पत्रकारों ने उनका मजाक उड़ाया था।
इस बीच, इस्लामाबाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने को लेकर चर्चा में रहने वाले सिद्दिकी को पिछले साल मई में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने एक नोटिस जारी किया था और उन्हें अपनी आतंकवााद रोधी शाखा के समक्ष पेश होने को कहा था। पाकिस्तानी सेना ने किसी को जबरन लापता किए जाने में कोई भूमिका निभाए जाने की बात से अब तक इनकार किया है। असैन्य सरकार ने भी ऐसा ही दावा किया है। आतंकवादियों ने अतीत में भी पत्रकारों को निशाना बनाया है।