जेरुसलम: फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव का स्वागत किया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के फैसले की निंदा की गई है। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबु रदीनेह ने गुरुवार को बयान में कहा कि प्रस्ताव फिलिस्तीनियों के अधिकारों के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समर्थन को व्यक्त करता है। अबु ने कहा, ‘ट्रंप की धमकियां संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को उन्हें प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने से रोक नहीं पाईं।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों की वित्तीय सहायता में कटौती करने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा, ‘ट्रंप की घोषणा इस वास्तविकता को कभी नहीं बदलेगी कि जेरूसलम कब्जा किया गया क्षेत्र है और इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून लागू हैं।’ वहीं, इससे पहले गुरुवार को 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपात सत्र में एक प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य वॉशिंगटन द्वारा जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले को रद्द करना था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 128 वोट जबकि विरोध में 9 पड़े। वहीं इस दौरान 35 देश नदारद रहे।
इस्राइल की बात करें तो उसने जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के अमेरिका के फैसले को रद्द करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'इस्राइल संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को खारिज करता है।' बयान में कहा गया कि जिन देशों ने इस प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया है, वह उनसे खुश हैं। नोटिस के मुताबिक, 'जेरुसलम के मुद्दे पर इस्राइल का पक्ष लेने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप का आभारी है। उन देशों का भी शुक्रिया अदा करता है, जिन्होंने इस्राइल के पक्ष में वोट किया और सच्चाई का साथ दिया।'